नई दिल्ली- दिल्ली विश्वविद्यालय में ऑफलाइन कक्षाएं बहाल करने की मांग को लेकर विद्यार्थियों का नार्थ कैम्पस में चल रहा विरोध प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। विद्यार्थी अपनी मांगों को अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं। स्टुडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने सडक़ पर कक्षा अभियान की शुरुआत की जहां पर मिरांडा हाउस की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की कार्यप्रणाली और शिक्षा प्रणाली में होने वाले बदलावों पर बात की। हबीब ने इस दौरान अकादमिक परिषद की कथित अलोकतांत्रिक प्रवृत्ति को रेखांकित किया और चार साल के पूर्वस्नातक पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) और केंद्रीय विश्वविद्यालय समान प्रवेश परीक्षा (सीयूसीईटी) को विद्यार्थी विरोधी नीति करार दिया। एसएफआई ने घोषणा की है कि विश्वविद्यालय से सबद्ध 10 महाविद्यालयों में बृहस्पतिवार को भी सडक़ पर कक्षा अभियान जारी रहेगा। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से सबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की इसी मुद्दे पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन जारी रही। वाम दलों से सबद्ध ऑल इंडिया स्टुडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) ने ऑफलाइन कक्षाएं बहाल करने की मांग को लेकर कला संकाय के बाहर चक्का जाम का आयोजन किया। क्रांतिकारी युवा संगठन ने बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के कार्यालय शास्त्री भवन का घेराव कर अपना विरोध जताया। प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने विरोध में मुंडन भी कराया।