नई दिल्ली- भारत मंडपम में ब्रिक्स चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित युवा नेतृत्व संवाद 2.0 का आयोजन ऐतिहासिक साबित हुआ। यह ऐसा मंच बना जहां भारतीय युवाओं को ब्राज़ील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राजनयिकों से सीधे संवाद करने और सवाल पूछने का अवसर मिला। आमतौर पर ऐसे आयोजनों में युवा केवल श्रोता होते हैं, लेकिन इस बार उन्हें बातचीत की धुरी बनाया गया। व्यापार, सांस्कृतिक सहयोग और वैश्विक चुनौतियों पर युवाओं ने बेझिझक सवाल पूछे और अपने विचार साझा किए।इस संवाद के प्रमुख आकर्षण ब्रिक्स सीसीआई के उपाध्यक्ष व यंग लीडर्स वर्टिकल के अध्यक्ष समीप शास्त्री रहे, जो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र हैं। अपने ओजस्वी भाषण में उन्होंने युवाओं से वैश्विक नेतृत्व में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। कार्यक्रम संयोजक निशांत सामा ने बताया कि उद्देश्य केवल भाषण नहीं, बल्कि विचार-विमर्श के माध्यम से समाधान तलाशना था। आयोजन की शुरुआत ब्रिक्स सीसीआई के महानिदेशक डॉ. बीबीएल मधुकर के स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद कोषाध्यक्ष रुहैल रंजन ने प्रारंभिक संबोधन दिया। कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षणों में शामिल रहे ब्रिक्स सीसीआई के उपाध्यक्ष और यंग लीडर्स वर्टिकल के अध्यक्ष समीप शास्त्री, जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के पौत्र हैं। उन्होंने अपने ओजस्वी उद्घाटन भाषण में कहा, ब्रिक्स केवल एक आर्थिक मंच नहीं, बल्कि समावेशी विकास, साझेदारी और सहयोग का एक आंदोलन है।कार्यक्रम में ब्राज़ील दूतावास की लेटिशिया मारेनगेलो, रूसी दूतावास के मिखाइल एंटसीफेरोव, चीन दूतावास के झांग येफ़ी और दक्षिण अफ्रीकी उच्चायोग के पीटर महाफ़ा ने अपने-अपने देशों के दृष्टिकोण साझा किए। इन वक्ताओं ने वैश्विक मंचों पर ब्रिक्स देशों की भागीदारी, व्यापारिक टैरिफ में सहयोग और तकनीकी-सांस्कृतिक रिश्तों को मज़बूत करने पर जोर दिया। उनके वक्तव्यों में युवाओं को ब्रिक्स देशों के बीच मजबूत पुल के रूप में देखा गया।विशेष सत्र में पूर्व राजदूत अमरेंद्र खटुआ ने सांस्कृतिक कूटनीति, युवा नेतृत्व और दीर्घकालिक अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आने वाला समय युवाओं का है, और इस संवाद जैसे आयोजन उन्हें वैश्विक स्तर पर तैयार करते हैं। कार्यक्रम का समापन कन्वीनर निशांत सामा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया। यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि भारत वैश्विक युवा कूटनीति का केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। सांस्कृतिक विविधताओं और भौगोलिक दूरियों के बावजूद ब्रिक्स देश साझा प्रगति, सहयोग और संवाद की भावना से एकजुट हैं। युवा नेतृत्व संवाद 2.0 केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भविष्य के वैश्विक नेताओं के निर्माण की नींव बन गया है।