गुड़गांव – भारत की एकमात्र समावेशी छात्रवृत्ति योजना, सिविल सेवा के आकांक्षी छात्रों के लिए आर्य प्रतिभा छात्रवृत्ति परीक्षा 2025 का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के 14 राज्यों से 198 महत्वाकांक्षी छात्रों ने भाग लिया। आर्य समाज के निरीक्षण में दयानंद सेवाश्रम संघ द्वारा स्थापित आर्य प्रतिभा विकास संस्थान की यह अनोखी पहल देश की एकमात्र ऐसी योजना है, जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को आवास, कोचिंग, मेंटरशिप और भोजन जैसी संपूर्ण सुविधाएँ निःशुल्क प्रदान करती है। इस वर्ष के प्रतिभागी दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर जैसे विविध क्षेत्रों से आए थे, जो इस पहल की व्यापक पहुँच और समावेशिता को दर्शाता है। अन्य छात्रवृत्ति योजनाओं से भिन्न, आर्य प्रतिभा छात्रवृत्ति केवल परीक्षा की तैयारी का व्यय नहीं उठाती, बल्कि ऐसा पोषक वातावरण भी प्रदान करती है जो शैक्षणिक विकास और व्यक्तित्व निर्माण को बढ़ावा देता है, ताकि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक सीमाओं के कारण पीछे न रह जाए। वर्ष 2019 में स्थापना के बाद से अब तक आर्य प्रतिभा विकास संस्थान ने 175 से अधिक प्रतिभाशाली, लेकिन आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों का मार्गदर्शन किया है। इस योजना का प्रभावशाली रिकॉर्ड रहा है।इसके माध्यम से 80 से अधिक छात्र अब तक यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर देशभर में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्यरत हैं। इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, वर्ष 2025 में एपीवीएस द्वारा समर्थित 17 छात्रों ने यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस पहल की प्रभावशीलता पर दयानंद सेवाश्रम संघ के अध्यक्ष एस.के. आर्य ने कहा,आर्य समाज में हमारा विश्वास है कि सच्चा राष्ट्र निर्माण युवाओं को सशक्त करने से शुरू होता है। हमारा प्रयास है कि कोई भी प्रतिभा परिस्थितियों की भेंट न चढ़े और हर छात्र बड़ा सपना देखे व देश सेवा की दिशा में पूरी लगन से काम करे। आर्य प्रतिभा विकास संस्थान का उद्देश्य ऐसे युवाओं की पहचान कर उन्हें मार्गदर्शन और पोषण देना है, जो सिविल सेवाओं जैसे प्रतिष्ठित संघ और राज्य सेवाओं के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहते हैं। ।