नई दिल्ली- ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने अपनी 11- सूत्रीय मांग की पूर्ति के लिए जंतर-मंतर, नई दिल्ली में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। देश भर से उचित मूल्य की दुकान के डीलर अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए हजारों की संख्या में एकत्र हुए। विशाल जनसभा को आल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव श्विश्वम्भर बसु ने सम्बोधित करते हुए कहा कि उनका आंदोलन सरकार से नही बल्कि सरकारी की नीतियों को लेकर राशन डीलर को दिए जाने वाले कमीशन के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि लगातार मांग के बावजूद राशन डीलरों की मांग नहीं मानी जा रही है, इसलिए आज उनकी एसोसिएशन को दिल्ली के जंतर मंतर पर फिर से भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने न्यूनतम मासिक गारंटी 50,000- रुपये की मांग की है। चावल, गेहूं और चीनी की हैंडलिंग और खाद्य तेल और दालों की उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए, सभी राज्यों को सभी देय मार्जिन को जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए। मांग में यह भी शामिल है कि पूरे देश में मुफ्त वितरण का ‘पश्चिम बंगाल राशन मॉडल’ लागू किया जाए। एलपीजी गैस सिलेंडर की आपूर्ति मेला दुकानों के माध्यम से भी की जानी चाहिए। विशाल सभा को संबोधित करते हुए, फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष ओंकार नाथ ने कहा,देश के प्रधान मंत्री को देश भर में 80 करोड़ लोगों को भोजन के वितरण के लिए दुनिया भर से प्रशंसा मिली। जब सरकार इस योजना को लागू कर रही थी तो हम जैसे दुकानदार ही थे जो लोगों के पास गए और खाना बांटा और इसलिए सरकार से हमारी मांग है। इनके मुताबिक राशन डीलर को दिया जा रहा कमीशन नाकाफी है. बार-बार मांग के बावजूद राशन डीलर की मांग को सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए मजबूर होकर उन्हें जंतर मंतर पर पहुंचना पड़ा और अपनी कुछ मांगों को लेकर सरकार की नीतियों का विरोध किया। उन्होंने राशन डीलरों का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘राशन डीलर की सबसे बड़ी मांग यह है कि कोरोना के दौरान जहां परिवार के सदस्य भी एक दूसरे से दूर रह रहे थे. उस दौरान भी लोगों को राशन उपलब्ध कराने में सबसे बड़ा योगदान राशन डीलर का ही था. राशन डीलरों ने बिना पीपीई किट के लोगों तक पहुंचाया राशन, इसलिए राशन डीलर को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। इस आंदोलन में दिल्ली, यूपी, एमपी, गुजरात, महाराष्ट्र, आसाम, बिहार, झारखंड, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा व देश भर से सभी राज्यों के राशन डीलरों ने हिस्सा लिया।