उच्च शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि व्यक्तियों को व्यापक दृष्टिकोण और गहन समझ प्रदान करना भी है। इस दृष्टिकोण से, अंतःविषयक पाठ्यक्रमों का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। ये पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों के ज्ञान और कौशलों को एकीकृत करने की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे वे समग्र और संपूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।अंतःविषयक पाठ्यक्रमों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, एक छात्र जो इंजीनियरिंग का अध्ययन कर रहा है, उसे समाजशास्त्र या पर्यावरण विज्ञान का ज्ञान होने से तकनीकी समाधानों के सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों को बेहतर तरीके से समझने में सहायता मिल सकती है। इस प्रकार, अंतःविषयक शिक्षा समस्याओं के समाधान में एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है, जो केवल एक ही विषय पर आधारित शिक्षा से संभव नहीं हो सकता।इसके अतिरिक्त, आज के वैश्विक और जटिल समाज में समस्याओं का समाधान केवल एक ही क्षेत्र के ज्ञान से संभव नहीं है। चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो, सार्वजनिक स्वास्थ्य, या फिर तकनीकी नवाचार, इन सभी समस्याओं के समाधान में अंतःविषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। अंतःविषयक पाठ्यक्रम छात्रों को इन जटिल समस्याओं का विश्लेषण करने और विभिन्न दृष्टिकोणों से समाधान ढूंढने के लिए तैयार करते हैं।अंतःविषयक पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को क्रिटिकल थिंकिंग और समस्या समाधान कौशल विकसित करने में भी मदद करते हैं। जब छात्र विभिन्न विषयों से ज्ञान को एकीकृत करते हैं, तो वे नए और नवाचारी विचारों के निर्माण के लिए प्रेरित होते हैं। इससे वे न केवल वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होते हैं, बल्कि भविष्य की अज्ञात चुनौतियों के लिए भी तैयार होते हैं।इसके अलावा, अंतःविषयक शिक्षा छात्रों को उनके कैरियर के लिए भी बेहतर तैयार करती है। आज के कार्यस्थल में, कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे बहु-विषयक टीमों में काम करें और विभिन्न क्षेत्रों के ज्ञान का उपयोग करें। अंतःविषयक पाठ्यक्रम छात्रों को इस प्रकार के कार्य वातावरण के लिए तैयार करते हैं, जिससे उनकी रोजगार योग्यता और कैरियर विकास की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।निष्कर्ष, अंतःविषयक पाठ्यक्रमों का महत्व इस बात में निहित है कि वे एक समग्र और संपूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। ये पाठ्यक्रम छात्रों को एक व्यापक दृष्टिकोण विकसित करने, क्रिटिकल थिंकिंग को बढ़ावा देने, और वास्तविक दुनिया की जटिल समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए तैयार करते हैं। उच्च शिक्षा में इन पाठ्यक्रमों का समावेश छात्रों के व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, अंतःविषयक पाठ्यक्रमों को उच्च शिक्षा के केंद्र में रखा जाना चाहिए, ताकि हम एक समृद्ध और स्थायी भविष्य का निर्माण कर सकें। लेखक
डॉ. पिचेश्वर गड्डे, चांसलर
लिंग्या विद्यापीठ, फरीदाबाद, हरियाणा
सीईओ, लिंग्या समूह संस्थान