नई दिल्ली – भारत में 1 मिलियन से ज्‍यादा स्‍कूल टीचर्स की कमी है। इससे शिक्षकों और सीखने वालों के बीच का अंतर भरने के लिये तकनीक से काम लेने की जरूरत पता चलती है, ताकि शिक्षा संवादपरक, समावेशी और सुलभ हो सके। पढ़ाई के लिये सर्वांगीण समाधान प्रदान करने में 12 वर्षों से अधिक की विशेषज्ञता का इस्‍तेमाल करते हुए एक्‍स्‍ट्रामार्क्‍स ने द टीचिंग ऐप लॉन्‍च किया है। यह पढ़ाने का एक उन्‍नत प्‍लेटफॉर्म है, जो देशभर के स्‍कूल अध्‍यापकों, निजी अध्‍यापकों, होम ट्यूटर्स और कोचिंग स्‍टाफ को लाइव क्‍लासरूम पढ़ाई  के अनुभव का फायदा देता है। पढ़ाई का स्‍तर और बेहतर बनाने पर स्‍कूल अध्‍यापकों और होम ट्यूटर्स को आधुनिक टूल्‍स की ताकत देता है, ताकि वे एक प्‍लेटफॉर्म पर अपनी लाइव क्‍लासेस का पूरा शेड्यूल बना सकें, उसे मैनेज और ट्रैक कर सकें। इसके साथ वे डॉक्‍युमेंटेशन के साधारण और हाथ से होने वाले कामों को ऑटोमेट भी कर सकते हैं। यह ऐप एक्‍स्‍ट्रामार्क्‍स के कोष में मौजूद लाखों प्रश्‍नों तक प्रमुखता से पहुँच देकर टीचर्स को मूल्‍यांकन बनाने, सौंपने और निजीकृत करने देता है। यह ऐप नोटिफिकेशंस को व्‍यक्तिपरक बनाने की अनुमति भी देता है, ताकि पढ़ाई का पूरा अनुभव संवादपरक भागीदारीपूर्ण और मजेदार रहे।स्‍कूली शिक्षकों और होम ट्यूटर्स समेत शिक्षक समुदाय को कहीं भी, किसी भी डिवाइस पर अपना क्‍लासरूम सेट अप करने की अनुमति देकर टीचर्स ऐप टीयर 2 और 3 शहरों में शिक्षा की आपूर्ति को ज्‍यादा समावेशी बनाता है। यह ऐप मेट्रो शहरों से इतर शिक्षकों तक अबाध पहुँच सुनिश्चित करता है, ताकि वे देशभर में अपने से सीखने वालों का आधार बढ़ा सकें। इस प्रकार उनकी उद्यमिता मजबूत होती है और ऐप के रोजाना इस्‍तेमाल पर खास इनाम भी मिलते हैं। साधारण यूजर इंटरफेस और क्‍लासरूम सेटअप के साथ यह प्‍लेटफॉर्म अभी स्‍कूलों और संस्‍थानों के लिये एक फ्रीमियम मॉडल पर चलता है और होम ट्यूटर्स के लिये असीमित अवधि तक मुफ्त है। इस ऐप को प्‍ले स्‍टोर या ऐप स्‍टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। सीईओ ऋत्विक कुलश्रेष्‍ठ ने कहा, एक्‍स्‍ट्रामार्क्‍स अपनी शुरूआत से ही लगातार नवाचार के माध्‍यम से पढ़ाने-पढ़ने के मामले की मूल समस्‍याओं को हल करने में सक्रिय रूप से संलग्‍न है। द टीचिंग ऐप एक उन्‍नत टीचिंग प्‍लेटफॉर्म की जरूरत पूरी करने के लिये एक अन्‍य कदम है। भारत कई तरह के शिक्षकों का घर है, जैसे स्‍कूल टीचर्स, स्‍वतंत्र टीचर्स, कोचिंग स्‍टाफ, कॉन्‍ट्रेक्‍टर और प्राइवेट ट्यूटर्स, और इन सभी के पढ़ाने के सफर को डिजिटलाइज करने और उसे एक प्‍लेटफॉर्म पर लाने से उनकी  पहुँच बढ़ेगी, पेशेवर विकास होगा और पढ़ने वालों के साथ भागीदारी बढ़ेगी।