गुड़गांव – भारत मैनेजमेन्ट डेवलपमेन्ट इंस्टीट्यूट (एमडीआई) गुड़गांव ने 21 फरवरी 2024 को ब्रांडस्केप्स एमडीआई सेंटर फॉर बिहेवियरल साइंस एण्ड न्यूरो लैब का उद्घाटन किया, जो भारतीय मैनेजमेन्ट रीसर्च एवं एजुकेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि है। महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण से प्रेरित बिहेवियरल साइंस एण्ड न्यूरोलैब, न्यूरोसाइन्टिफिक एवं बिहेवियरल सिद्धान्तों पर आधारित बहु-आयामी अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। फाइनैंस, इकोनोमिक्स, पॉलिसी मैनेजमेन्ट, मार्केटिंग, ओर्गेनाइज़ेशनल बिहेवियर और ह्युमन रिसोर्स मैनेजमेन्ट पर ध्यान केन्द्रित करते हुए यह सेंटर ऐसे रूझान प्रस्तुत करेगा, जो निर्णय निर्धारण प्रक्रिया में बड़े बदलाव ला सकते हैं।इस आधुनिक लैब में इलेक्ट्रोएनसेफेलोग्राफी (ईईजी) सिस्टम है, जो दिमाग की इलेक्ट्रिक गतिविधि को मॉनिटर करता है। ईईजी, एक नॉन-इनवेसिव तकनीक है, इसमें कोर्टिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने के लिए स्कैल्प पर इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं। यह कई तरह से उपयोगी है, जैसे मार्केटिंग में उपभोक्ताओं के व्यवहार से लेकर फाइनैंशियल फैसलों में जोखिम एवं भावनाओं के प्रभाव को समझने तक, यह कई तरह से कारगरता है। इसके अलावा एचआर और ओर्गेनाइज़ेशनल बिहेवियर की बात करें जो ईईजी का उपयोग एम्प्लॉयी रीटेंशन स्ट्रैटेजीज़ बनाने और इनकी जांच में भी किया जा सकता है।नई खोली गई लैब के महत्व पर रोशनी डालते हुए प्रोफेसर अरविंद सहाय, डायरेक्टर, एमडीआई गुड़गांव ने कहा, ‘‘एमडीआई गुड़गांव में ब्रांडस्केप्स सेंटर फॉर बिहेवियरल साइंस एण्ड न्यूरो लैब का उद्घाटन करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। बिहेवियरल साइंस के टूल्स ने हमें मनुष्य के व्यवहार के मूल्यांकन में सक्षम बनाय है, जिससे अधिक प्रभावी हस्तक्षेपों और नीतियों में मदद मिलती है। हमारे अनुसंधान बताते हैं कि इसका नीति निर्माण पर बड़ा प्रभाव पड़ा है और मैनेजेरियल एक्शन्स बड़ी संख्या में हितधारकों को लाभान्वित कर रहे हैं। हमारा यह सेंटर प्रयोगों पर आधारित जांच के माध्यम से बिहेवियरल रूझान प्रदान कर उद्योग जगत के लीडर्स को व्यवहारिक रूप से लाभान्वित करता है। हम सैद्धान्तिक ज्ञान और व्यवहारिक ज्ञान के बीच के अंतर को दूर कर मैनेजमेन्ट प्रथाओं एवं सामाजिक परिणामों में बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं।ज्ञान के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध प्रमुख संस्थान के रूप में एमडीआई गुरूग्राम ब्राण्डस्केप के मूल्यों के अनुसार कार्यरत है। 1980 में न्यारोसाइंस की शुरूआत से ही हम मनुष्य के दिमाग और व्यहार को समझने के लिए प्रयासरत रहे हैं। 2024 में हम और भी आधुनिक टेक्नेलॉजी के साथ मनुष्य के दिमाग की जटिलताओं और साइकोलोजी को समझने में सक्षम हुए हैं। नए सेंटर का उद्घाटन इन्हीं प्रयासों को जारी रखने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, इसके साथ हमने अन्वेषण एवं खोज के नए दौर की शुरूआत की है।’’ श्री प्रनेश मिश्रा, चेयरमैन, ब्रांडस्केप्स ने कहा।उद्घाटन समारोह के दौरान आधुनिक लैब का प्रदर्शन किया गया, इस अवसर पर मौजूद उपस्थितगणों को सेंटर की आधुनिक अनुसंधान पहलों के बारे में जानने का मौका मिला।