मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के गरीबों को मुफ्त राशन देने के नाम पर गुमराह कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें मुफ्त राशन मुहैया कराया जाए। दिल्ली सरकार ने यह राशन देने की घोषणा तो की थी लेकिन यह राशन नहीं बांटा गया। यह बात दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कही। उन्होंने कहा अब राशन बांटने की मुफ्त योजना को 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा कर दी गई है लेकिन सरकार बताए तो सही कि राशन कहां बांटा जा रहा है। सरकार की इस झूठी घोषणा का विरोध करते हुए रोहतास नगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक जितेंद्र महाजन के नेतृत्व में प्रदर्शन भी किया गया जिसमें नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी भी शामिल हुए। बिधूड़ी ने कहा कि 72 लाख से ज्यादा राशन कार्डधारकों को केंद्र सरकार द्वारा डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से दुगुना राशन दिया जा रहा है। इन राशन कार्डधारकों को पहले चार किलो गेहूं और एक किलो चावल दिया जाता था लेकिन अब उन्हें चार किलो गेहूं और एक किलो चावल केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त मुहैया कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने ही इस योजना को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने की घोषणा की है। दिल्ली सरकार का केंद्र सरकार की इस योजना से कुछ लेना-देना नहीं है। दिल्ली सरकार पर राशन की दुकानों के माध्यम से सिर्फ इस राशन के वितरण की जिम्मेदारी है। दिल्ली सरकार को तो उन लोगों को राशन देने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इन लोगों के लिए कम्युनिटी किचन और मुफ्त राशन की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता कि वह इस तरह की असत्य बातें कहे या फिर जनता को गुमराह करने की कोशिश करे। दिल्ली के गरीब लोगों को राशन देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। सरकार उस जिम्मेदारी को तो पूरा नहीं कर रही लेकिन झूठा प्रचार जरूर कर रही है।