नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एनएमसीजी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति डीपीसीसी और दिल्ली जल बोर्ड डीजेबी को बताया है कि दिल्ली के 18 प्रमुख नालों में से 12 से अब भी यमुना में गंदा पानी ही छोडा जा रहा है।वजीराबाद से ओखला के बीच दिल्ली में नदी के 22 किलोमीटर लंबे हिस्से में 18 प्रमुख नाले यमुना में गिरते हैं। हालांकि यह हिस्सा नदी की लंबाई के दो प्रतिशत से भी कम है, लेकिन यह लगभग 80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है।फरवरी में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को सौंपी गई डीपीसीसी रिपोर्ट के अनुसार, डीजेबी ने प्रदूषण नियंत्रण निकाय को सूचित किया था कि 18 में से 13 नालों को ट्रैप्ड कर लिया गया है और उनसे बिना शोधित पानी यमुना में नहीं बह रहा है। एनएमसीजी ने डीपीसीसी और डीजेबी को लिखे पत्र में कहा कि उसने 30 और 31 मार्च को इन नालों की स्थिति का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण दल भेजे थे। उसने कहा, यह बताया गया है कि 13 ट्रैप्ड नालों में से सात नालों से पानी अब भी यमुना नदी में बहाया जा रहा है। इसलिए, फिलहाल 12 नाले यमुना में बिना शोधित अपशिष्ट जल छोड़ रहे हैं। एनएमसीजी ने डीपीसीसी और डीजेबी को फील्ड ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट पर कदम उठाने और की गई कार्वाई की रिपोर्ट सौंपने को कहा है।