पश्चिम बंगाल-तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने 2007 में यहां प्रस्तावित केमिकल हब का विरोध करने के दौरान मारे गए 14 लोगों की याद में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाए। करीब 100 मीटर की दूरी पर आयोजित दोनों कार्यक्रम भूमि उच्छेद प्रतिरोध समिति बीयूपीसी के बैनर तले आयोजित किए गए। उस समय ममता बनर्जी के समर्थन के साथ समिति ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा प्रस्तावित केमिकल हब के लिए समुद्र के पास उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण करने की सरकार की योजनाओं का कड़ा विरोध किया था। टीएमसी के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने विपक्षी दल भाजपा और नंदीग्राम के विधायक शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधा। टीएमसी के पूर्व नेता शुभेंदु 2021 के राज्य चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। अधिकारी ने यहां स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। घोष ने कहा, नरसंहार में शामिल रहे माकपा के गुंडे अब भगवा हो गए हैं। शुभेंदु अधिकारी ने उन लोगों के साथ हाथ मिलाकर नंदीग्राम के लोगों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार के लिए जिम्मेदार थे। पूर्वी मेदिनीपुर के लोगों उन्हें माफ नहीं करेंगे। भांगबेड़ा में भूमि अधिग्रहण विरोधी समिति बीयूपीसी के 14 ग्रामीण 16 साल पहले इसी दिन तत्कालीन सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े संदिग्ध बदमाशों की हिंसा में मारे गए थे। यह घटना तब हुई थी जब लोग भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे। औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में टीएमसी के आंदोलन ने जोर पकड़ा और 2011 में वामपंथियों के 34 साल लंबे शासन को अंत हो गया। घोष ने आरोप लगाया कि शुभेंदु अधिकारी वित्तीय घोटालों में शामिल थे और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे से खुद को बचाने के लिए उन्होंने पार्टी बदल ली। घोष ने कहा कि 2007 में बीयूपीसी का गठन करने वालों में शामिल शेख सुफियान और अबू ताहेर तृणमूल कांग्रेस के साथ हैं। उस दौरान, शुभेंदु ने टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ प्रदर्शन में भाग लिया था। बहरहाल, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु ने पलटवार करते हुए कहा, कुछ लोग जिनकी भूमि अधिग्रहण विरोधी गतिविधि में कोई भूमिका नहीं थी, अब सुर्खियां बटोर रहे हैं और मंच से भाषण दे रहे हैं। शुभेंदु ने कहा, पोंजी स्कीम घोटालों शारदा और रोजवैली में गरीब लोगों का लूटा हुआ पैसा रखने वाले बेईमान लोग अब दिवंगत किसानों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए इन कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। उन्हें श्रेय लेने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने एक ट्वीट में कहा, नंदीग्राम ही क्यों? पिछले दस वर्षों में टीएमसी के शासन काल में हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में शहीद स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। क्या हम इन शहीदों को भूल गए हैं?