चंडीगढ़-पंजाब के मंत्री फौजा सिंह सरारी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। कुछ महीने पहले वह एक ऑडियो क्लिप को लेकर पैदा हुए विवाद में फंस गए थे। इस क्लिप में वह धन की वसूली के लिए कुछ ठेकेदारों को फंसाने के तौर तरीकों पर कथित रूप से चर्चा करते सुनाई देते हैं। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इस बात की पुष्टि की है कि सरारी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। आप की पंजाब इकाई के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने बताया कि सरारी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच, पटियाला ग्रामीण क्षेत्र से विधायक डॉ. बलबीर सिंह ने सरारी की जगह मंत्री पद की शपथ ली है। सरारी के पास बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण समेत कुछ विभाग थे। सरारी और उनके पूर्व सहयोगी के बीच कथित बातचीत का एक ऑडियो क्लिप सितंबर में सामने आया था, जिसमें दोनों खाद्यान्न ढुलाई के ठेकेदारों से धन की वसूली करने के लिए कुछ अधिकारियों के जरिए उन्हें फंसाने के तौर तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी सरारी (61) फिरोजपुर के गुरू हर सहाय निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के वरदेव सिंह को 10,574 मतों के अंतर से हराया था। इससे पहले, मई में स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। यह घटना विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके आप के सत्ता में आने के महज दो महीने बाद हुई थी। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 117 में से 92 सीट पर जीत हासिल की थी। विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने सवाल उठाया था कि करीब चार महीने पहले ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद आप सरकार ने उनके सरारी के खिलाफ कार्वाई क्यों नहीं की थी। इससे पहले, पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को अपने विरूद्ध मामलों को निपटाने में मदद के लिए उसके एक अधिकारी को 50 लाख रुपए रिश्वत की कथित रूप से पेशकश करने को लेकर गिरफ्तार किया था। तब विपक्ष ने आरोप लगाया था कि आप सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपना रही है। उसने सवाल किया था कि ऑडियो क्लिप मामले में सरारी को क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। अरोड़ा कांग्रेस सरकार में मंत्री थे और वह पिछले साल जून में भाजपा में शामिल हो गए थे।