अगरतला-भारतीय जनता पार्टी विधायक दीबचंद्र हरंगखवाल ने त्रिपुरा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इस साल राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन से इस्तीफा देने वाले वह सातवें विधायक बन गए हैं। हरंगखवाल धलाई के करमछेड़ा से आदिवासी विधायक हैं और उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी कारण बताया। उन्होंने यह कदम विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उठाया है। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, मैंने विधायक पद से इस्तीफा विधानसभा सचिव को सौंप दिया है क्योंकि विधानसभाध्यक्ष रत्न चक्रवर्ती मौजूद नहीं थे। मैंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। हरंगखवाल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष थे और वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, मुझे अगले कदम को लेकर फैसला करना है, लेकिन निश्चित तौर पर मैं राजनीति में रहूंगा क्योंकि मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं। हरंगखवाल राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आशीष कुमार साहा के साथ विधानसभा पहुंचे। साहा ने इस साल के शुरुआत में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही भाजपा ने इस साल अपने चार विधायक खो दिए हैं। साहा के अलावा सुदीप रॉय बर्मन और बुरबो मोहन ने भी इस साल विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। सुरमा से विधायक आशीष दास कथित कदाचार की वजह से विधानसभा सदस्य के लिए अयोग्य करार दिए गए थे। भाजपा नीत सरकार में साझेदार इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा आईपीएफटी के तीन विधायकों धनंजय त्रिपुरा, बृषकेतु देबबर्मा और मावेर कुमार जामतिया ने भी इस्तीफा दे दिया था। धनंजय त्रिपुरा और मावेर कुमार जमातिया का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है लेकिन बृषकेतु प्रक्रियागत खामी की वजह से अयोग्य करार दिया गया। भाजपा प्रवक्ता सुब्रता चक्रवर्ती ने बताया कि हरंगखवाल लंबे समय से बीमार हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कहा, इसका असर विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर नहीं पड़ेगा।