दिल्ली के गांवों में किए जाने वाले विकास कार्य पर केजरीवाल सरकार 399 करोड़ रुपए खर्च करेगी दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में हुई दिल्ली ग्राम विकास बोर्ड की बैठक में गांवों में सडक़, नाली, जल निकाय, पार्क, खेल मैदान और सामुदायिक केंद्र समेत अन्य विकास कार्यों के लिए 291 योजनाओं को मंजूरी दी गई है। बैठक के बाद गोपाल राय ने कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारियों को ग्राम विकास की परियोजनाओं को समय सीमा के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार, शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में दिल्ली ग्राम विकास बोर्ड के सदस्यों ने लंबित प्रस्तावों का मामला उठाया। जिसके बाद विकास मंत्री ने विभाग को ग्राम विकास से जुड़ी परियोजना की फाइलों पर समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, मंत्री ने ग्राम विकास के कार्यों को करने वाली मुख्य कार्यकारी एजेंसी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को निर्देशित किया कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कार्य में तेजी लाई जाए। उधर, गोपाल राय ने कहा कि सरकार गांवों में सडक़ों, पार्कों, नालियों और बहुउद्देशीय सामुदायिक केंद्रों की स्थिति में सुधार के साथ-साथ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। सरकार ने गांव में की जाने वाली विभिन्न योजनाओं पर इस साल लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। वहीं, मंजूर की गई इन 291 योजनाओं को भी जल्द से जल्द पूरा करने के लिए विभाग को निर्देश दिए गए हैं। सरकार इन योजनाओं को पूरा करने में करीब 399 करोड़ रुपए खर्च करेगी। राय ने कहा कि सरकार, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले दिल्ली के लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ- साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। विकास विभाग से जुड़े इन विकास कार्यों को सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, एमसीडी सहित अन्य सरकारी विभागों के माध्यम से किया जा रहा है।
-वित्त वर्ष 2021-22 में निगम निगम को दिए गए एमसीडी को 2,588 करोड़ रुपए
दिल्ली सरकार ने एमसीडी को सारा पैसा दे दिया है। इसके बावजूद भाजपा की एमसीडी ने अध्यापकों को तनख्वाह नहीं दी है। केजरीवाल सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक तीन किस्तों में एमसीडी को 2,588 करोड़ रुपए दिए हैं। इस वित्त वर्ष की चौथी व आखिरी किस्त भी जनवरी में जारी कर देगी। उधर, 4 महीनों से तनख्वाह नहीं दिए जाने के कारण करीब 3 हजार शिक्षक पूर्वी दिल्ली नगर निगम मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। भाजपा के नेता भ्रष्टाचार कर अध्यापकों की तनख्वाह के पैसे को खा गए हैं और अध्यापकों को तनख्वाह नहीं दे रहे हैं। यह कहना है आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक का। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने हर साल एमसीडी को उसके हिस्से का पैसा देने के साथ-साथ 6,889 करोड़ रुपए का लोन भी दिया है, फिर भी भाजपा की एमसीडी अध्यापकों को तनख्वाह नहीं दे रही है। पाठक ने कहा कि एमसीडी ने 2500 करोड़ का रेंट घोटाला किया है। इसके अलावा 1800 करोड़ का हाउस टैक्स घोटाला किया है। दिल्ली सरकार एमसीडी को इस वित्त वर्ष 2021-22 में 3488 करोड़ रुपए देगी। सरकार अबतक इसकी 75 फीसद राशि 3 किस्तों में दे चुकी है। इसके अलावा बाकी की 25 फीसदी राशि जनवरी में दी जानी है। इसके बावजूद भाजपा की एमसीडी के नेता अध्यापकों की तनख्वाह को लेकर बहाने बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा एमसीडी की 13 पार्किंग प्राइवेट माफिया को औने-पौने दामों पर बेच चुकी है। साथ ही उनका करोड़ों का हाउस टैक्स भी माफ कर दिया है। इन सभी पार्किंग से हर साल हजारों करोड़ का राजस्व आ सकता था। लेकिन भाजपा ने कमीशन खाने के चक्कर में पहले तो सभी पार्किंग को औने-पौने दामों में बेचा और ऊपर से उनका हाउस टैक्स भी माफ कर दिया। दूसरी तरफ अध्यापकों की तनख्वाह कई महीनों से नहीं दे रहे हैं।