गुरुग्राम – देश की अग्रणी प्रीमियम कार निर्माता कंपनी कीया इंडिया ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर अपने प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सीएसआर कार्यक्रम प्रोजेक्ट डेवलपमेंट रिस्पांसिबल आउटलुक फॉर प्लास्टिक के तीसरे चरण का शुभारंभ किया। इस पहल को इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे के प्रति जनमानस की सोच को बदलना और पर्यावरणीय स्थिरता व सामुदायिक सहयोग से कचरा प्रबंधन की ओर सार्थक कदम बढ़ाना है। यह पहल गुरुग्राम को जीरो वेस्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है, जो भारत के जलवायु लक्ष्यों और सतत विकास के एजेंडे के अनुरूप है। इस परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री, टोकन साहू द्वारा किया गया। इस अवसर पर कीया इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एवं नेशनल हेड सेल्स एंड मार्केटिंग, हरदीप एस. बराड़ तथा गुरुग्राम नगर निगम के संयुक्त आयुक्त, विशाल कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल की जमीनी प्रभाव और राष्ट्रीय पर्यावरणीय प्राथमिकताओं के साथ इसकी सामंजस्यता की सराहना की। कीया इंडिया व आईपीसीए द्वारा क्रियान्वित यह परियोजना देश के आठ प्रमुख शहरों में संचालित हो रही है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक कचरे के स्रोत पर ही पृथक्करण, पुनर्चक्रण और सामुदायिक जागरूकता के माध्यम से व्यवहार में बदलाव लाना है।मंत्री टोकन साहू ने अपने संदेश में कहा, जीरो वेस्ट सिटीज की कल्पना को साकार करने के लिए हमें सामुदायिक भागीदारी वाले समाधान चाहिए। कीया का यह प्रोजेक्ट युवाओं, नागरिकों और संस्थानों को सक्रिय रूप से जोड़कर स्थायी बदलाव की आधारशिला रख रहा है।हरदीप एस. बराड़ ने कहा, कीया इंडिया प्रकृति से प्रेरणा लेता है और उसके संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है। प्रोजेक्ट डीआरओपी जैसे प्रयासों के माध्यम से हम परिपत्र अर्थव्यवस्था को अपनाकर प्लास्टिक प्रबंधन में परिवर्तन ला रहे हैं। भोंडसी में वेस्ट रिकवरी सेंटर और नोएडा में रीसाइकल यूनिट की स्थापना इसका उदाहरण है। इस पहल से पर्यावरणीय लाभ के साथ-साथ कबाड़ व्यवसायियों को रोजगार भी मिला है।वहीं विशाल कुमार ने कहा, कीया के इस सीएसआर कार्यक्रम के माध्यम से गुरुग्राम के नागरिक, विशेष रूप से युवा वर्ग, शून्य कचरा भविष्य की ओर अग्रसर हो रहा है। यह पहल जन-जागरूकता, उत्तरदायित्व और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देती है। 1 जनवरी 2023 से प्रारंभ यह परियोजना अब तक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 15 लाख लोगों को लाभ पहुँचा चुकी है। लक्ष्य के अनुसार 789 संस्थानों में से अब तक 66% रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन, 21% शिक्षण संस्थान और 13% व्यावसायिक परिसरों तक पहुँचा जा चुका है। तीसरे चरण के तहत यह पहल अब चंडीगढ़, पंचकूला और ज़ीरकपुर में विस्तारित की जा रही है। वर्ष 2025 में कुल 1,100 परिसरों को कवर करते हुए 7,000 टन प्लास्टिक कचरा एकत्रित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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