नई दिल्ली- अक्सर कहा जाता है कि आग से मत खेलो,जल जाओगे। लेकिन आग से खेलना करियर के लिए ठंडक जरूर दे सकता है। इस बात का दावा तो कोई नहीं कर सकता कि आग लगेगी या नहीं। आग नहीं लगी तो कोई संकट नहीं लेकिन लग गई तो उसे बुझाने के लिए ऐसा आदमी या ऐसी टीम चाहिए जो आग की किस्म, आग लगने के कारण,आग बुझाने के तरीके, आग बुझाने के सामान,और आग में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के हुनर की जानकारी रखती हो। जाहिर है यह ऐसी जानकारी नहीं है जिसे यूंही पूछकर या पढक़र जान लिया जाए। इसकी पढ़ाई भी होती हे और इसका प्रशिक्षण भी दिया जाता है। ऐसे में जो लोग चाहते हैं आग से खेलते हुए करियर की बुलंदी तक पहुंचना वे डिप्लोमा से लेकर बीए फायर करके पदों तक पहुंच सकते हैं। प्रमुख संस्थान में दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग,नई दिल्ली www.dcfse.com लीडिंग फायरमैन,फायरमैन बनने के बाद विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर लीडिंग फायरमैन बना जा सकता है। फायरमैन ही वह व्यक्ति होता है जो सीधे सीधे आग से जूझता है। फायरमैन की टीम हर फायर स्टेशन में तैनात होती है। स्टेशन ऑफिसर किसी भी फायर स्टेशन का प्रमुख स्टेशन ऑफिसर होता है जो न सिर्फ फायर स्टेशन की टीम को लीड करता है बल्कि इस बात की पूरी जानकारी रखता है कि उसकी जिम्मेदारी के दायरे में आने वाले इलाके में किस तरह की इमारते हैं, फैक्ट्रियां हैं, रिहाइशी इलाका है जहां आग लग सकती है। दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग के डायरेक्टर जेड. एस. लाकड़ा के मुताबिक इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं है। पहले सिर्फ महानगरों में फायर स्टेशन होते थे आज हर जिले में फायर स्टेशन हैं। इसके अलावा आज हर सरकारी और गैरसरकारी दफ्तरों में एक फायर इंजीनियर की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है। फायर इंजीनियर की जरूरत अग्निशमन विभाग के अलावा आर्किटेक्तर और बिलिंडग निर्माण, इंश्योरेंस एसेसमेंट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, रिफाइनरी, गैस फैक्ट्री, निर्माण उद्योग, प्लास्टिक, एलपीजी तथा केमिकल्स प्लांट, बहुमंजिली इमारतों व एयरपोर्ट हर जगह इनकी खासी डिमांड है। शैक्षणिक योग्यताए इस फील्ड के लिए जितनी जरुरत डिग्री की है, उससे ज्यादा जरुरत कुछ व्यक्तिगत योग्यताओं की भी है। आग बारुद से भरे कारखानों में लग सकती है और केमिकल फैक्ट्री में भी, घनी आबादी वाले इलाकों व जंगलों में। ऐसे में साहस, धैर्य के साथ लीडरशिप क्वालिटी, क्विक डिसीजन लेने की क्षमता का होना जरूरी है। ताकि किसी भी बड़ी दुर्घटना को कंट्रोल कर सके। फिर भी डिप्लोमा या डिग्री में दाखिले के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य है। कुछ पदों के लिए बीई फायर की डिग्री अनिवार्य है। इसमें प्रवेश के लिए ऑल इंडिया एंट्रेंस एक्जाम होता है।