नई दिल्ली – देश आज़ादी के 79वें पर्व को आजादी का सम्मान,भविष्य की प्रेरणा थीम के साथ मना रहा है, और इसी अवसर पर देश की अग्रणी इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा समाधान कंपनी मैटर ने सफर की आज़ादी, चार्जिंग की आज़ादी और स्वच्छ भविष्य चुनने की आज़ादी को मजबूत करने की पहल की है। राष्ट्रीय मिशन के साथ कदम मिलाते हुए मैटर ने मैटर एनर्जी फास्ट चार्ज नेटवर्क लॉन्च किया है और “राइट टू चार्जिंग” यानी चार्जिंग का अधिकार देने का संकल्प लिया है। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से देशभर में मैटर एनर्जी चार्ज हब्स लगाए जाएंगे और हर दोपहिया पार्किंग स्पॉट पर स्लो और फास्ट चार्जिंग की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जोरदार अभियान चलाया जाएगा। इस पहल का मुख्य आकर्षण है मैटर का खुद डिजाइन और तैयार किया हुआ 3 किलोवाट फास्ट चार्जर, जो मैटर एरा बाइक को 0% से 80% तक सिर्फ 90 मिनट में चार्ज कर देता है। यह चार्जर पूरी तरह मैटरवर्स ऐप से कनेक्टेड है, जिससे राइडर को रियल-टाइम लोकेशन, चार्जिंग की उपलब्धता और लाइव स्टेटस की जानकारी आसानी से मिलती है। शुरुआती चरण में देशभर के मैटर एक्सपीरियंस हब्स पर सभी मैटर एरा राइडर्स को फ्री चार्जिंग की सुविधा दी जाएगी, ताकि “राइट टू चार्जिंग” पहले दिन से हकीकत बन सके। राइट टू चार्जिंग मिशन के तहत मैटर की प्रमुख पहलें: रिहायशी सोसाइटी, पब्लिक पार्किंग और कमर्शियल हब्स में स्लो और फास्ट चार्जर्स वाले चार्ज हब्स लगाना। हर दोपहिया पार्किंग लोकेशन पर चार्जिंग प्वाइंट अनिवार्य करने के लिए प्रयास। मैटर राइडर्स के लिए घर, पब्लिक एरिया और कॉर्पोरेट ऑफिस में ऑन-डिमांड फास्ट चार्जर इंस्टालेशन। सभी मैटर डीलरशिप पर फास्ट चार्जिंग सुविधा। पार्टनर चार्जिंग नेटवर्क को मैटर एनर्जी चार्ज नेटवर्क और मैटरवर्स ऐप से जोड़कर रियल-टाइम जानकारी उपलब्ध कराना। मैटर के फाउंडर और ग्रुप सीईओ मोहाल लालभाई ने कहा,जब भारत अपनी 79वीं आज़ादी का जश्न मना रहा है, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे राइडर्स को स्वच्छ मोबिलिटी चुनने की पूरी आज़ादी मिले। हमारा ‘राइट टू चार्जिंग’ आंदोलन, आजादी का सम्मान, भविष्य की प्रेरणा’ के साथ तालमेल में, ऊर्जा तक पहुंच को सार्वभौमिक, किफायती और भविष्य के लिए तैयार बनाने का संकल्प है। तकनीक, जागरूकता और बुनियादी ढांचे का मेल करके मैटर देश को टिकाऊ मोबिलिटी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रहा है, ताकि आज़ादी की विरासत को सम्मान देते हुए स्वच्छ और हरित भविष्य की प्रेरणा दी जा सके।

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