नई दिल्ली- मिनिस्ट्री रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे (मोर्थ) ने डीएल, वाहनों के ट्रंासफर, फिटनेस जैसी सुविधा को ऑनलाइन फेसलेस फैसलिटी और स्पीड गर्वनर के सत्यापन की सुविधा देकर वाहन, लोगों व वाहन मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए किया था, ताकि डीएल, आरसी बनवाने के लिए परिवहन कार्यालयों में धक्का नहीं खाना पड़े और विभाग में पारदर्शिता आए। लेकिन हुआ ये है कि मोर्थ के दिए सुविधा व नियमों का लाभ आम जनता के बजाय दलाल उठा रहे हंै। इससे परिवहन विभाग की भी छवि पहले के तरह खराब हो रही है। क्या है मामला
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के संयुक्त आयुक्त मधुर वर्मा के अनुसार एक शिकायत पर इंसपेक्टर वीरेंद्र सिंह की टीम ने टाटा कंपनी द्वारा नियुक्त कंपनी पॉस्को के आरटीओ मैनेजर सुरजीत को दो दलालों सहित गिरफ्तार किया है। आरोपी एक टाटा एस 407 वाहन में लगी स्पीड गवर्नर की जांच किए बिना 2400 रुपए अतिरिक्त लेकर गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट दलाल कुंदन के माध्यम से शाम के समय सर्टिफिकेट ऑनलाइन तरीके से भेज दिया गया, जबकि वाहन बुराड़ी ऑथॉरटी में ही खड़ी थी। भ्रष्टाचार शाखा ने शिकायतकर्ता के पास मौजूद 4300 रुपए (1900 फीस और 2400 रिश्वत) के साथ दलाल कुंदन को पकड़ा है। इससे पहले ऑटो यूनिट बुराड़ी में भी भ्रष्टाचार शाखा को जांच में सामने आया था कि दलाल मोर्थ के द्वारा जारी फेसलेस स्कीम का लाभ उठाकर ओटीपी अपने फोन पर भेजकर मृत ऑटो मालिकों का ऑटो अपने नाम करवा लेता था। बुराड़ी फिटनेस सेंटर के डीटीओ अनिल अग्रवाल ने कहा कि मोर्थ ने सभी कमर्शियल वाहनों के निर्माताओं या उनके द्वारा अधिकृत सर्विस सेंटर के द्वारा स्पीड गर्वनर के स्पीड लिमिट होने के सर्टिफिकेट पर फिटनेस जारी करने के लिए परिवहन विभाग को आदेश दे रखा है।ऑल इंडिया दिल्ली मोटर ड्राइविंग स्कूल एसोसिएशन के जनरल सेके्रेटी राम अवतार अग्रवाल ने कहा कि मोर्थ के द्वारा डीएल, आरसी से लेकर फेसलेस हर तरह की सुविधा का लाभ जनता के बजाय दलाल लाभ ले रहे हैं और परिवहन अधिकारियों के नाम पर पैसा खा रहे हंै। दिल्ली में लोगों के पास मोबाइल और कंप्यूटर होने के बाद भी डीएल का अप्लाई, आरसी ट्रांसफर का काम नहीं कर पाते और साइबर कैफे पर जाते हैं।