नई दिल्ली- संचित आर्ट द्वारा आयोजित प्रख्या कलाकार शब्बीर हुसैन संतोष की अभिव्यक्तिपूर्ण कला प्रदर्शनी ‘बियॉन्ड मिथ एंड मेटाफर’ का उद्घाटन 22 अप्रैल को त्रिवेणी कला संगम की श्रीधरणी गैलरी में हुआ। प्रदर्शनी का शुभारंभ प्रख्यात कलाप्रेमी डॉ. कर्ण सिंह एवं वरिष्ठ कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल ने किया। क्यूरेटर अर्चना खरे घोष के कलात्मक संकलन से सजी यह प्रदर्शनी 30 अप्रैल तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। इस अवसर पर कला प्रेमियों, समीक्षकों और कलाकारों की भारी उपस्थिति देखी गई। दर्शकों ने संतोष की चित्रकला में स्मृति, मौन और मिथकीय भावनाओं की अद्भुत अभिव्यक्ति को महसूस किया। उनके चित्रों में प्रयुक्त गहरे लाल, सुनहरे और पीले रंगों की बुनावट ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोर कर रख दिया। संतोष, जो नव-तंत्र के प्रतिष्ठित कलाकार जी.आर. संतोष के पुत्र हैं, ने अपनी विशिष्ट शैली में मिथकों को फिर से परिभाषित किया, न केवल व्याख्या के रूप में, बल्कि भाव की अनुभूति के रूप में। उद्घाटन अवसर पर उन्होंने कहा, मिथक हमारे भीतर बसे अनुभव हैं। मैं उन्हें चित्रों के माध्यम से जीता हूं, कहता नहीं। यह प्रदर्शनी मेरे लिए आत्मचिंतन की जगह है, और मैं चाहता हूं कि दर्शक भी उस मौन संवाद से जुड़ें। पूर्वी दिल्ली के एक साधारण स्टूडियो से कश्मीर की आत्मा को चित्रों में उकेरने वाले इस कलाकार की कला में दिखावा नहीं, बल्कि साधना की झलक है। उनकी कला साधकों की तरह अनुशासन, मौन और अंतर्मुखी गहराई से जन्म लेती है। ‘बियॉन्ड मिथ एंड मेटाफर’ न केवल एक प्रदर्शनी थी, बल्कि एक अनुभव साबित हुई, जहां चित्रों के माध्यम से मौन ने बात की, स्मृतियों ने रंग लिया और दर्शकों ने एक गहरे आत्म-संवाद का अनुभव किया।