नई दिल्ली – भारत में प्रमुख सुगम्यता संगठन ‘स्वयं’ ने 27 मार्च, 2025 को वर्ल्ड एक्सेसिबिलिटी डे मनाया, जिससे जागरूकता बढ़ाने और देश भर में सुगम्यता को बढ़ावा देने के उसके मिशन को मदद मिली है। इस वर्ष का यह आयोजन भारत में समावेशी और बाधा-मुक्त परिवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘स्वयं’ के समर्पण को दर्शाता है। वर्ल्ड एक्सेसिबिलिटी डे के उपलक्ष्य में और इस आयोजन के आधिकारिक सुगम्यता भागीदार के रूप में, स्वयं का लक्ष्य खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 के दौरान एक स्पोर्ट्स हैंडबुक लॉन्च करना है। इस व्यापक मार्गदर्शिका का उद्देश्य खेल सुविधाओं, कार्यक्रमों, आयोजनों और आवासों में सुगम्यता मानकों में सुधार लाना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खिलाड़ी, कोच और दर्शक बिना किसी बाधा के भाग ले सकें। भले ही वर्ल्ड एक्सेसिबिलिटी डे को अभी तक आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से ‘स्वयं ’27 मार्च को इसके आयोजन के लिए प्रयासरत रहा है। स्वयं की संस्थापक-अध्यक्ष सुश्री स्मिनू जिंदल ने कहा, ‘ सुगम्यता कोई अनुबोध नहीं है, यह एक मौलिक अधिकार है। वर्ल्ड एक्सेसिबिलिटी डे पर स्वयं एक समावेशी भारत के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और खेलो इंडिया पैरा गेम्स में स्पोर्ट्स हैंडबुक की पेशकश के साथ, हम स्वयं में यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हैं कि खेल और जीवन के सभी पहलू सब के लिए सुगम्य हों। स्वयं के लिए, सुगम्यता का मतलब सिर्फ दयालुता या अस्थायी समाधान नहीं है, बल्कि सक्रिय योजना बनाना है। जब लोगों को रुककर सहायता मांगनी पड़ती है, तो इससे व्यवस्थागत खामी का पता चलता है। सच्ची सुगम्यता सिर्फ रैंप और हैंडरेल जोड़ने के बारे में नहीं है, इसमें समय पर सहायता, स्पष्ट संचार, सहानुभूति और निरंतर प्रयास भी शामिल हैं। स्वयं का मानना है कि इरादे और कार्रवाई के बीच की खाई को पाटना जरूरी है और वास्तविक प्रगति तब होती है जब छोटे बदलावों को स्थायी संरचनात्मक प्राथमिकताओं के तौर पर शामिल किया जाता है।

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