-डीजेबी अपने 20 बायो-गैस प्लांट को करेगा अपग्रेड
नई दिल्ली। दिल्ली के जल मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने बुधवार को विभाग के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने जल बोर्ड को 12 से 15 महीने के अंदर सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने के निर्देश दिए। अब डीजेबी अपने सभी बायो गैस प्लांट को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है, ताकि बायो-गैस प्लांट में नालों से निकलने वाले गाद के साथ-साथ सेप्टिक टैंक की गंदगी, गाय के गोबर और नगरपालिका द्वारा जमा कूड़े को भी ट्रीट किया जा सके। अभी बायो-गैस प्लांट केवल सीवेज से आने वाले कीचड़ को ही ट्रीट कर बायो गैस का उत्पादन करते हैं। सत्येंद्र जैन ने कहा कि हालांकि, इस प्रकार के कूड़े के निस्तारण की जिम्मेदारी एमसीडी की है, लेकिन डीजेबी मौजूदा लैंडफिल साइटों पर बोझ को कम करने और दिल्ली को साफ करने के लिए इस पहल की अगुआई करेगा। इसके मद्देनजर सभी बायो-गैस संयंत्रों को अपग्रेड किया जाएगा। डीजेबी के पास वर्तमान में बायोगैस संयंत्रों की क्षमता प्रति दिन लगभग 400 टन की है, जिसमें से 240 एमजीडी कार्यात्मक है। जैन ने कहा कि इस कदम से सभी प्रकार के कूड़े और प्रदूषकों को साफ करने में मदद मिलेगी और शहर की नालियों और नदियों की सफाई में मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ लैंडफिल साइटों पर भी बोझ कम होगा। स्वच्छ परिवहन ईंधन को बढ़ावा देने के लिए बायोगैस संयंत्रों से उत्पन्न गैस और बिजली को इलेक्ट्रिक वाहन स्टेशनों और सीएनजी स्टेशनों को आपूर्ति की जाएगी।
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सभी बायो-गैस संयंत्रों को किया जा रहा है अपग्रेड
मंत्री ने अधिकारियों को 20 बायोगैस संयंत्रों को अपग्रेड करने के आदेश दिए, जिससे कि एसटीपी, सेप्टिक टैंक से निकालने वाली गंदगी, डेयरियों से गाय के गोबर और विशेष रूप से मंडियों और आसपास की कॉलोनियों से निकलने वाले ठोस कचरे का प्रबंधन सुनिश्चित हो सके। यह फैसला स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिसके फलस्वरूप ज्यादा से ज्यादा बायोगैस का उत्पादन संभव हो सकेगा और इसका इस्तेमाल बायो-सीएनजी जैसे स्वच्छ ईंधन बनाने और बिजली उत्पादन में हो सकेगा।
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फार्महाउसों और संस्थानों को जल बोर्ड करेगा ट्रीटेड पानी की आपूर्ति
बैठक में सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को एसटीपी के ट्रीटेड पानी को अंतिम उपभोगता तक पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके अलावा सतबारी, सुल्तानपुर और जौनपुर आदि क्षेत्रों मेन मौजूद फार्म हाउसों एवं संस्थानों को ट्रीटेड पानी की सप्लाई करने का निर्णय भी लिया गया, जो वर्तमान में बागवानी जरूरतों के लिए भूजल का इस्तेमाल कर रहे हैं। डीजेबी ने ट्रीटेड पानी की आपूर्ति के लिए एक निश्चित टैरिफ मॉडल अपनाने का फैसला किया है। 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की एकमुश्त बुनियादी ढांचे की लागत के अलावा उपभोक्ता से प्रति माह 5000 रुपए प्रति एकड़ का शुल्क लिया जाएगा।