नई दिल्ली -जेईई और एनईईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बेहतर करने के लिए शैक्षिक और अन्य गतिविधियों में संतुलन साधना चुनौतीपूर्ण होता है। छात्रों के मन में इसे लेकर दुविधा भी रहती है। कई छात्रों का कहना होता है कि पढ़ाई, खेल और अन्य गतिविधियों में संतुलन स्थापित न कर पाने से छात्र की पर्सनालिटी में नीरसता आ जाती है। एक पुरानी कहावत है कि एक एक संतोषजनक और समृद्ध जीवन में संतुलन तलाशना काफी महत्वपूर्ण है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए बैलेंस साधना ऐसी स्थिति में काफी अहम हो जाता है। जब हम खेल और अन्य गतिविधियों की बात करते हैं तो यह समझना बेहद आवश्यक हो जाता है कि कौन सी गतिविधि बेफिजूल की है और कौन सी आपको समग्र और पूर्ण रूप से बेहतर बनाती है साथ ही प्रसन्न भी करती है। उदाहरण के तौर पर टीवी देखना आपको कुछ समय का सुख तो देता है लेकिन यह आपकी पर्सनालिटी को निखारता नहीं है। खेल खेलना, पढ़ना, संगीत सुनना न केवल आपके दिमाग को शांति औप प्रसन्नता प्रदान करता है बल्कि आपकी सेहत को भी दुरूस्त रखता है। हालांकि,इसे संदर्भ में देखना भी अनुचित होगा कि दोनों में कौन पूर्णत : एक को दूसरे के ऊपर चुनने का मामला नहीं है। सही मार्गदर्शन और प्रबंधन के साथ, छात्र शैक्षणिक रूप से आगे बढ़ सकते हैं और साथ ही खेल और अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं। फिटेजेईई जैसे संस्थान अपनी यूनिक एप्रोच से छात्रों के लिए संतुलन स्थापिक करने में मददगार हो सकते हैं।श्रीयशास मोहन कल्लूरी बताते हैं कि मैंने फिटजेईई के चार साल के क्लासरूम (IX – XII) कोर्स में दाखिला लिया। श्रीयशास राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाज है। उन्होंने शैक्षिक स्तर पर बेहतर करने के साथ खेल में भी शानदार किया है। जेईई मेन 2024 सत्र 1 में 100 एनटीए स्कोर की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। हर्षित सिंह ने जेईई एडवांस्ड 2022 में प्रभावशाली अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 112 हासिल की। पढ़ाई के साथ-साथ बॉस्केटबॉल में भी उन्होंने उम्दा प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल राज्य के टॉपर हर्षित बताते हैं कि खेल के साथ पढ़ाई में बेहतर मैंने गाइडेंस से किया है।