नई दिल्ली- NAMTECH (न्यू एज मेकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने 18 जनवरी 2025 शनिवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर कन्वेंशन एंड एग्जिबीशन सेंटर में अपने इंटरनेशनल प्रोफेशनल मास्टर्स प्रोग्राम (iPMP)-स्मार्ट मेन्यूफैक्चरिंग क्लास 2024 के पहले ग्रेजुएशन समारोह का आयोजन किया, जिसमें संस्थान ने 53 छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रदान किये।इस आयोजन के साथ ही संस्थान ने पहली बार MET (मेन्यूफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) एक्सपो की भी मेजबानी की। इस एक्सपो में शामिल आगंतुकों को विनिर्माण एवं इंजीनियरिंग के भविष्य की झलक दिखाने के लिये नवीन और अत्याधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नेमटेक के भविष्य के लीविंग एंड लर्निंग कैंपस एलिमेंट एवं spatial AI सक्षम XR प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन करना था। एक्सपो का उद्येश्य NAMTECH के अत्याधुनिक उपकरणों के उपयोग को प्रदर्शित करते हुए उभरते प्रौद्योगिकियों के बारे में संवाद और उत्सुकता पैदा करना था। NAMTECH, अपने ‘इनोवेशन स्कूलों’ के माध्यम से उद्यमी सोच वाले युवाओं को ‘कॉन्शियस टेक्नोलॉजिस्ट’ बनने के लिये सशक्त बनाता है। यह MET में उच्च गुणवत्ता, उद्योग से जुड़ी व्यवहारिक लर्निंग प्रोग्राम की पेशकश के अलावा शेयरिंग टेक्नोलॉजी एवं वृहत सामाजिक आर्थिक बेहतरी के लिये नवाचारों को बढ़ावा देता है। NAMTECH के ‘कॉन्शियस टेक्नोलॉजिस्ट’ बहुत सक्षम पेशेवर हैं जो भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग पावरहाउस में बदलने के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएंगे।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, आज के समय में बढ़ती जटिलता मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल एवं दूसरे क्षेत्रों में अलग-अलग विशेषज्ञता की जगह विभिन्न विषय संबंधी दृष्टिकोण की मांग की बात करती है। NAMTECH की प्रमुख माइक्रोलर्निंग फैक्ट्रियां छात्रों को 1 साल के मास्टर कार्यक्रम के माध्यम से दुनिया की जटिल समस्याओं पर काम करने और डिजिटल प्रौद्योगिकियों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में सक्षम बनाती हैं।ग्रेजुएशन समारोह और MET एक्सपो में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और भारत के मंगलयान मिशन के आर्किटेक्ट डॉ. के. राधाकृष्णन ने शिरक़त की वर्तमान में नीति आयोग की सम्मानित सदस्य, पूर्व उपाध्यक्ष और इंटेल साउथ एशिया की एमडी और NASSCOM की पूर्व अध्यक्ष, सुश्री देबजानी घोष, और प्रतिष्ठित होमी भाभा चेयर प्रोफेसर, परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) से डॉ. प्रसिद्ध के एन व्यास, सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। स्नातक दिवस की शुरुआत डीन, मुख्य अतिथि, सम्मानित अतिथियों, बोर्ड सदस्यों और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्यों के नेतृत्व में एक औपचारिक समारोह के साथ हुई। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए डॉ. के. राधाकृष्णन ने अपने दीक्षांत भाषण में NAMTECH के दूरदर्शिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन एक अच्छे दृष्टिकोण, अटल संकल्प और निरंतर समर्पण की परिणति है। विनिर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्रों के लिए उच्च स्तरीय कौशल प्रदान करने पर NAMTECH का ध्यान केन्द्रित करना प्रासंगिक और सराहनीय है। आगामी पीढ़ी, इस प्रभावी पहल और इसके संस्थागत मॉडल को अपनाएगी जो भारत और दुनिया के भविष्य के लिए तैयार उच्च तकनीक कार्यबल को सामने लेकर आएगा। स्नात्कोतकर छात्रों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि हम आपकी उपलब्धियों, आपकी उत्कृष्ट बनने के प्रयास एवं आप सबकी नवीन तकनीकों को अपनाने के विचारों का सम्मान करते हैं। यह उपलब्धि आपके दृढ़ संकल्प और आपके माता-पिता और परिवारों के निरंतर समर्थन और NAMTECH के फैकल्टी एवं कर्मचारियों के अद्भुत मार्गदर्शन का प्रमाण है।गौरतलब है कि भारत का लक्ष्य, ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के माध्यम से सबसे प्रमुख वैश्विक विनिर्माण और इंजीनियरिंग केन्द्र बनना है। एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिये लिए विश्व स्तरीय प्रतिभा की उपलब्धता की आवश्यकता होती है। NAMTECH अपने कार्यक्रमों, वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों और प्रमुख कॉरपोरेट्स के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से इस प्रतिभा को विकसित करने का एक उद्भव केंद्र है। NAMTECH का विनिर्माण कार्यक्रम, विशेषरूप से महिलाओं को, पारंपरिक लिंग संबंधी बाधाओं को तोड़कर उद्योग के डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाता है।