नई दिल्ली- सिद्धार्थ एस कुमार , फाउंडर, न्यूमरोवाण  ने कहा बजट 2025-26 में घोषित ज्ञान भारतम मिशन केवल प्राचीन पांडुलिपियों का संरक्षण भर नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इस मिशन के तहत 1 करोड़ से अधिक प्राचीन ग्रंथों का डिजिटलीकरण और एक राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी बनाई जाएगी, जो भारत के आयुर्वेद, ज्योतिष, वास्तु, तंत्र, दर्शन और अन्य पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को आधुनिक शोध और वैश्विक शिक्षा से जोड़ने का काम करेगी। यह पहल भारत को ग्लोबल नॉलेज इकोनॉमी का केंद्र बनाएगी, जहां शोधकर्ता और उद्योग प्राचीन भारतीय विज्ञान को आधुनिक नवाचारों के साथ जोड़कर नए आर्थिक अवसर उत्पन्न करेंगे। साथ ही, स्टार्टअप्स और MSMEs को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सरकार ने फंडिंग और क्रेडिट सपोर्ट को बढ़ाया है। MSME क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 5 लाख तक का कार्यशील पूंजी ऋण, और 10 करोड़ तक की क्रेडिट गारंटी उद्यमियों को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने का अवसर देगी। पहली बार SC और महिला उद्यमियों के लिए 2 करोड़ तक का बिना गारंटी वाला ऋण दिया जा रहा है, जिससे भारत में नए स्टार्टअप्स और छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इस बजट में स्टार्टअप्स, MSMEs और ज्ञान-विज्ञान की पुनर्स्थापना के माध्यम से आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक क्रांति लाने की आधारशिला रखी गई है। यह पहल न केवल परंपरागत भारतीय ज्ञान को वैश्विक स्तर पर पुनर्जीवित करेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था, रोजगार और नवाचार को भी नई ऊर्जा देगी। भारत का अतीत अब भविष्य का आधार बनेगा, और यह बजट देश को एक ज्ञान-आधारित और नवाचार संचालित वैश्विक महाशक्ति बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। सिद्धार्थ एस कुमार , फाउंडर, न्यूमरोवाणी बजट 2025-26 में घोषित ज्ञान भारतम मिशन केवल प्राचीन पांडुलिपियों का संरक्षण भर नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इस मिशन के तहत 1 करोड़ से अधिक प्राचीन ग्रंथों का डिजिटलीकरण और एक राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी बनाई जाएगी, जो भारत के आयुर्वेद, ज्योतिष, वास्तु, तंत्र, दर्शन और अन्य पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को आधुनिक शोध और वैश्विक शिक्षा से जोड़ने का काम करेगी। यह पहल भारत को ग्लोबल नॉलेज इकोनॉमी का केंद्र बनाएगी, जहां शोधकर्ता और उद्योग प्राचीन भारतीय विज्ञान को आधुनिक नवाचारों के साथ जोड़कर नए आर्थिक अवसर उत्पन्न करेंगे। साथ ही, स्टार्टअप्स और MSMEs को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सरकार ने फंडिंग और क्रेडिट सपोर्ट को बढ़ाया है। MSME क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 5 लाख तक का कार्यशील पूंजी ऋण, और 10 करोड़ तक की क्रेडिट गारंटी उद्यमियों को अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने का अवसर देगी। पहली बार SC और महिला उद्यमियों के लिए 2 करोड़ तक का बिना गारंटी वाला ऋण दिया जा रहा है, जिससे भारत में नए स्टार्टअप्स और छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इस बजट में स्टार्टअप्स, MSMEs और ज्ञान-विज्ञान की पुनर्स्थापना के माध्यम से आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक क्रांति लाने की आधारशिला रखी गई है। यह पहल न केवल परंपरागत भारतीय ज्ञान को वैश्विक स्तर पर पुनर्जीवित करेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था, रोजगार और नवाचार को भी नई ऊर्जा देगी। भारत का अतीत अब भविष्य का आधार बनेगा, और यह बजट देश को एक ज्ञान-आधारित और नवाचार संचालित वैश्विक महाशक्ति बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

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