नई दिल्ली – जैसे-जैसे भारत जनसांख्यिकीय और आर्थिक परिवर्तनों के बीच शहरीकरण और आवास की अपनी महत्वाकांक्षाओं को निरंतर आगे बढ़ा रहा है, उसी के अनुरूप नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल ने आज अपने नेशनल कन्वेंशन के 17वें संस्करण की घोषणा की, जो 29-30 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। रेजिलिएंट इंडिया: समावेशी, टिकाऊ और भविष्य के लिए तैयार विषयवस्तु के साथ यह सम्मेलन रियल एस्टेट उद्योग, नीति निर्माताओं, निवेशकों और टेक्नोलॉजी लीडर्स के बीच सार्थक संवाद को प्रोत्साहित करेगा। कर्टेन रेज़र के दौरान, दिल्ली प्रदेश की माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने उद्योग जगत को आश्वस्त किया,बीते 10 वर्षों में दिल्ली विकासात्मक कार्यों में पिछड़ गई है मगर इसे फिर से विकसित करने के लिए में हमें सिर्फ 2 साल चाहिए। हम उद्योग जगत और डेवलपर्स से अपील करते हैं कि वे अत्याधुनिक अस्पतालों, आईएसबीटी, स्कूलों, शॉपिंग मॉल्स, आवास और इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए पीपीपी मॉडल के साथ आएं, और सरकार पूर्ण नीति एवं वित्तीय सहयोग देगी। हमारा विजन है कि दिल्ली की सभी झुग्गियों को स्थायी आवास में बदला जाए। इसके अतिरिक्त, हमने उद्योग से पराली प्रोसेसिंग यूनिट्स पर एक रोडमैप लाने का आग्रह किया है ताकि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुधारा जा सके। हम लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं ताकि राज्य और उद्योग के बीच सशक्त समन्वय से दिल्ली को हाई-टेक कैपिटल सिटी बनाया जा सके,श्रीमती गुप्ता ने आगे कहा,डबल इंजन सरकार के साथ हम दिल्ली को डबल डिजिट ग्रोथ की ओर अग्रसर करेंगे, जिससे नागरिकों के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित होगा। नारेडको के चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा,अब शहरी योजना भारत की आर्थिक रणनीति का केंद्र बन चुकी है। निर्माण क्षेत्र कार्बन उत्सर्जन में बड़ी भूमिका निभाता है, इसलिए रियल एस्टेट सेक्टर को पारंपरिक तरीकों से हटकर स्मार्ट, टिकाऊ मॉडल अपनाने होंगे। इसमें ग्रीन मटेरियल्स का उपयोग, ऊर्जा दक्षता की योजना और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर का समावेश आवश्यक है। दिल्ली जैसे रणनीतिक शहर को इस बदलाव का नेतृत्व करना चाहिए। हमें सार्वजनिक-निजी सहयोग चाहिए, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है मानसिकता में बदलाव, जहाँ ‘ग्रीन’ अपवाद नहीं बल्कि सामान्य हो। श्री जी. हरि बाबू, अध्यक्ष, नारेडको ने कहा,हम ऐसे मोड़ पर हैं जहाँ विकास, नियम और नवाचार को एक साथ आना होगा। यह सम्मेलन केवल एक सभा नहीं है, बल्कि वह स्थान है जहाँ विचारों को कार्य में बदला जाएगा। नीति संबंधी बाधाओं जैसे अनुमोदन में देरी, अपर्याप्त रेंटल ढांचे और उच्च निर्माण लागत जैसे मुद्दों का समाधान जरूरी है। क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य पर विचार करते हुए,श्री हर्षवर्धन बंसल, अध्यक्ष, नारेडको-दिल्ली ने राजधानी के रियल एस्टेट सेक्टर में आ रहे बदलावों को साझा किया। उन्होंने कहा,दिल्ली एक ऐसा अनोखा उदाहरण है जहां बुनियादी ढांचे की मांग तो बहुत अधिक है, लेकिन भूमि और पर्यावरणीय सीमाएं भी उतनी ही वास्तविक हैं। सवाल यह नहीं है कि हम विकास कर सकते हैं या नहीं, बल्कि यह है कि हम कैसे अधिक समझदारी से विकास कर सकते हैं। नारेडको दिल्ली में हमारा ध्यान इस बात पर है कि आवास, वाणिज्यिक विकास और शहरी सेवाएं सभी टिकाऊ दिशा में आगे बढ़ें। हम नीति निर्माताओं और शहरी योजनाकारों के साथ मिलकर ऐसे प्रोत्साहनों पर काम कर रहे हैं जो पर्यावरण अनुकूल कार्यों को बढ़ावा दें और दूरदर्शिता से रहित विकास को हतोत्साहित करें। भविष्य उनका है जो अगली तिमाही से आगे सोच रहे हैं, और हमारा लक्ष्य एक भविष्य के लिए तैयार, जलवायु-संवेदनशील राजधानी शहर का निर्माण करना है। भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री, श्री मनोहर लाल ने बतौर मुख्य अतिथि सम्मेलन में भागीदारी की पुष्टि की है, जो केंद्र सरकार की इस क्षेत्र में मजबूत भागीदारी को दर्शाता है। आज कर्टेन रेजर कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता द्वारा सम्मेलन का आधिकारिक लोगो भी लॉन्च किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के केंद्र में रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों को आकार देने वाले कई महत्वपूर्ण मुद्दे होंगे जैसे रेरा का विकास और नीति सुधार, पारदर्शिता, शिकायत निवारण और डेवलपर की विश्वसनीयता को बेहतर बनाना। किफायती आवास और शहरी विकास, खासकर रेंटल हाउसिंग मॉडल, क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी और पीपीपी ढांचे, को “सभी के लिए आवास” मिशन के तहत प्रमुखता दी जाएगी। वित्तीय निवेश और पूंजी निर्माण पर भी विशेष ध्यान होगा। जैसे-जैसे भारतीय में रुचि बढ़ रही है और विदेशी निवेशक टियर 2 और टियर 3 शहरों के रेजिडेंशियल व इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं, सम्मेलन में निवेश उपकरण, क्रेडिट एन्हांसमेंट और सरकारी सहायता मॉडल पर चर्चा की जाएगी, जिससे निजी पूंजी की सुरक्षा हो सके।सस्टेनेबिलिटी, टेक्नोलॉजी और फ्यूचर-रेडी दृष्टिकोण के तहत सम्मेलन में नई तकनीकों जैसे प्रीफैब्रिकेशन, और ग्रीन मटेरियल्स पर विचार किया जाएगा। साथ ही, शहरों के पुराने सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट्स के पुनर्विकास पर चर्चा होगी, जिसमें विरासत,घनत्व और कार्यक्षमता का समावेश हो। शहरी गतिशीलता और जीवन गुणवत्ता जो वैश्विक शहरी सूचकांकों में मुख्य घटक हैं पर ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट और रहने योग्य शहरों के मापदंडों के माध्यम से विचार किया जाएगा। व्यवसाय करने में आसानी के मुद्दे को सिंगल विंडो क्लीयरेंस,भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और डेवलपर्स तथा निवेशकों पर नियामकीय बोझ को कम करने जैसे ठोस सुधारों के माध्यम से संबोधित किया जाएगा।800 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ,17वां नारेडको नेशनल कन्वेंशन भारत के रियल एस्टेट और शहरी योजना क्षेत्र में सहमति निर्माण,समाधान डिजाइन और आगे की नीति दिशा निर्धारित करने का एक प्रमुख मंच बनने जा रहा है।