नई दिल्ली – साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया सीज़न 2, जिसे इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड (IPRS) ने म्यूज़िकनेक्ट इंडिया के साथ मिलकर और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से प्रस्तुत किया है, आज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), नई दिल्ली में शुरू हुआ। यह तीन दिवसीय महोत्सव संगीत, सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की यात्रा की शुरुआत करता है, जिसमें भारतीय संगीतकारों को वैश्विक फेस्टिवल क्यूरेटर्स और संगीत उद्योग के पेशेवरों से जोड़ने के उद्देश्य से अनेक कार्यशालाएं, पैनल चर्चाएं और लाइव परफॉर्मेंस आयोजित किए गए।सुबह के सत्र: भारतीय कलाकारों को वैश्विक मंचों से जोड़ना दिन की शुरुआत सुबह 10:00 बजे वेलकम नोट से हुई। इसके बाद कई सत्र हुए जो इस बात पर केंद्रित थे कि भारतीय संगीतकार कैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म तक अपनी पहुँच बना सकते हैं। पहला वर्कशॉप Are You Export Ready?” (10:05–10:50 AM) में डॉनी हरू (ला ला ला फेस्टिवल, इंडोनेशिया) और सरुन पिनयारेत (माहो रासॉप फेस्टिवल, थाईलैंड) ने कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए। इसके बाद “Unveiling the World’s Iconic Stages” (10:55–11:40 AM) सत्र हुआ, जिसमें सियोल म्यूज़िक वीक, उल्सान जैज़ फेस्टिवल (दक्षिण कोरिया), म्यूज़िक लेन फेस्टिवल (जापान), और ला ला ला फेस्टिवल (इंडोनेशिया) जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों पर प्रकाश डाला गया। 11:45 बजे हूपर के संस्थापक और सीईओ गौरव दगांवकर ने “Monetize Your Music” पर सत्र लिया, जिसमें स्वतंत्र कलाकारों को सिंक लाइसेंसिंग और नए राजस्व मॉडल्स की जानकारी दी गई। दोपहर से पहले की पैनल चर्चा “Borderless Beats – Building Global Pathways for Artists & Collaboration” (12:20–1:05 PM) में कोजी साटो (जापान फाउंडेशन) और सूमिनी श्रीधरा पॉल (गैट्सवी मीडिया) ने भाग लिया, जिसका संचालन शिल्पी गुप्ता ने किया। इस चर्चा में भारतीय कलाकारों के लिए सीमाओं से परे सहयोग और अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोपहर: साउंडस्केप्स लिविंग लेगेसी और जावेद अख्तर की सत्र दोपहर बाद सत्रों की शुरुआत साउंडस्केप्स लिविंग लेगेसी भारत के दुर्लभ वाद्य यंत्रों की लाइव प्रदर्शनी और नूरी की वाद्यग्राम के साथ हुई। श्रोताओं ने भारत की समृद्ध ध्वनिगत विरासत की यात्रा की, जहां दुर्लभ और प्राचीन वाद्य यंत्रों जैसे पेंआ, रबाब, याज़, कुडामुझा, उरुमी, शंख, कोम्बु, एकतारा, ढोल, सुरना, पिवांग आदि को प्रदर्शित किया गया। कलाकारों और सांस्कृतिक विशेषज्ञों ने इन यंत्रों की जीवंत प्रस्तुतियों से भारत की विविध परंपराओं की ध्वनियों को फिर से जीवित किया। तिथियाँ: 10 से 12 नवम्बर,स्थान: दर्शनम 2, IGNCA, नई दिल्ली,समय: दोपहर 2:00 बजे – 3:00 बजेदिन का सबसे चर्चित सत्र रहा “The Art of Songwriting” (2:30–3:15 PM), जिसे पद्म भूषण जावेद अख्तर ने मयूर पुरी के साथ संवाद के रूप में प्रस्तुत किया। इस विशेष सत्र में जावेद अख्तर ने गीत लेखन की कला, भावनाओं और रचनात्मक प्रक्रिया पर अपने गहन विचार साझा किए और उभरते गीतकारों को अमूल्य प्रेरणा दी।शाम: भव्य उद्घाटन समारोह और लाइव म्यूज़िक शोकेस शाम 5:30 बजे Unmukt, IGNCA में उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ, जिसमें उपस्थित थे: पद्म भूषण जावेद अख्तर,डॉ. सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव,IGNCA श्रीमती अमिता प्रसाद सराभाई, अतिरिक्त सचिव, संस्कृति मंत्रालय उद्घाटन समारोह के बाद शाम 6:30 बजे ओपनिंग नाइट म्यूज़िक शोकेस हुआ, जिसमें रोमांचक प्रस्तुतियाँ दी गईं:टैल फ्राई (दिल्ली दशुग्स (लेह, लद्दाखथैयिर सदम प्रोजेक्ट (चेन्नई) कुंताव मिंडानाओ (फ़िलिपींस)भारत के वैश्विक संगीत आंदोलन की दिशा तय करता साउंडस्केप्स सहयोग, रचनात्मक सशक्तिकरण और अंतरराष्ट्रीय अवसरों पर केंद्रित, साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया सीज़न 2 के पहले दिन ने उस दृष्टि को रेखांकित किया जिसके तहत भारत को वैश्विक संगीत जगत की प्रमुख आवाज़ के रूप में स्थापित किया जा रहा है।यह फेस्टिवल 11 और 12 नवम्बर तक IGNCA और द पियानो मैन में जारी रहेगा, जिसमें भारत और दुनिया भर के 100 से अधिक कलाकारों और 24 बैंड्स के लाइव प्रदर्शन शामिल हैं। साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया सीज़न 2 के बारे में IPRS द्वारा म्यूज़िकनेक्ट इंडिया के सहयोग से आयोजित, साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया सीज़न 2 भारतीय और अंतरराष्ट्रीय संगीतकारों, फेस्टिवल बुकर्स और उद्योग विशेषज्ञों को एक साथ लाता है। यह पहल भारत की विविध संगीत परंपराओं का उत्सव मनाने के साथ-साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करती है।
