नई दिल्ली- राज्यसभा में बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने दावा किया कि पिछले आठ साल में देश में सबसे बड़ा बदलाव यह आया कि आज प्रधानमंत्री मजबूर नहीं मजबूत हैं और तुष्टिकरण की सियासत और करप्शन (भ्रष्टाचार) की विरासत पर रोक लग गई है। उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री नकवी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनके कल के लोकसभा के भाषण में दो भारत होने का जिक्र किया और कहा, आज कहा जा रहा है कि देश में दो भारत चल रहा है।
किंतु हमारी नजर में एक भारत है, श्रेष्ठ भारत है। उन्होंने कहा, हिंदुस्तान की संस्कृति, संस्कार, संकल्प और समावेशी सोच को समझने के लिए हमें इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया एवं कांग्रेस इज कंट्री और कंट्री इज कांग्रेस के सुरूर और सोच से बाहर निकलना होगा। उन्होंने कहा कि इस सुरूर से निकले बिना हम देश की भावना और गौरव को समझ नहीं सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कल लोकसभा में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में दो हिंदुस्तान बन गए हैं जिनमें से एक अमीरों और दूसरा गरीबों के लिए है।
नकवी ने कहा कि पिछले 18 वर्ष में सबसे बड़ा यह बदलाव हुआ कि प्रधानमंत्री पद की गरिमा, विश्वसनीयता और सम्मान बहाल हुआ है। उन्होंने कहा, आज से आठ साल पहले प्रधानमंत्री कार्यालय कहीं और से चलता था, प्रधानमंत्री को निर्देश कहीं और से मिलता था..कैबिनेट जो निर्णय करती थी, उसे न्यूसेंस और नानसेंस कहकर फाड़ दिया जाता था। उन्होंने दावा किया, आज मजबूर प्रधानमंत्री नहीं, मजबूत प्रधानमंत्री हैं। नकवी ने कहा कि आज से आठ साल पहले सरकार को लेकर भ्रष्टाचार की जो चर्चाएं होती थीं, वे आज सुनने को नहीं मिलतीं। उन्होंने कहा कि आज कट, कमीशन और करप्शन की विरासत और तुष्टिकरण की सियासत पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में एक बदलाव यह रहा कि लाल बत्ती की धौंस और धमक को प्रधानमंत्री ने बंद करवा दिया।
उन्होंने कहा कि एक बड़ा बदलाव यह भी है कि अब यह नहीं कहा जाता था कि देश के संसाधनों पर किसी एक संप्रदाय विशेष का अधिकार है और मौजूदा सरकार के शासनकाल में किसी एक संप्रदाय नहीं बल्कि सबके विकास, सबके विश्वास, सबके प्रयास की बात कही जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, तुष्टिकरण का जो छल था, उसे हमने समावेशी और सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण के बल से समाप्त किया है। उन्होंने कहा कि आज कोटा, परमिट का राज समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि एक बदलाव यह भी आया कि एक ही विषय को लेकर जो कई कानून बनाए गए थे, उनमें से कई को निरस्त कर दिया गया।
उन्होंने कहा, दंगों का हफ्ता और आतंकवादियों के धमाके का जो महीना हुआ करता था, उसे बंद कर दिया गया…आतंकवाद पर काबू पा लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने देश के लोगों, संसाधनों एवं सीमा की सुरक्षा करने का सकंल्प किया है। उन्होंने कहा, हमारे पड़ोसी देश ने एक बार हिमाकत करने की कोशिश की थी किंतु हमारे सुरक्षा बलों ने घुस घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की और चूहे के बिल से निकाल कर आतंकवादियों को तबाह किया। नकवी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में देश के कई नेताओं के पूरे परिवार ने कुर्बादी दी। किंतु इन नेताओं के योगदान को सीमित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के आने के बाद देश के लोगों को यह बताया गया कि जो नेता पहले से विख्यात थे, उनके अलावा भी कई ऐसे नेता थे जिन्होंने देश के लिए कुर्बानियां दी। उन्होंने इस क्रम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं सरदार पटेल की प्रतिमाओं का भी उल्लेख किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग सहित विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं को बंधक बना लिया गया है। उन्होंने कहा कि देश ने एक ऐसा समय देखा है जब उच्चतम न्यायालय के फैसलों को निष्प्रभावी करने के लिए संख्या बल के आधार पर संसद में कानून बनाया गया। उन्होंने कहा कि किंतु प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने उच्चतम न्यायालय के तीन तलाक के फैसले को प्रभावी बनाने के लिए संसद में विधेयक लाया।
उन्होंने कहा कि कश्मीर देश का ताज है और मोदी सरकार के शासनकाल में यह परिर्वतन हुआ कि देश की प्रगति से जम्मू कश्मीर को काटने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून का देश में एक समय बहुत विरोध हुआ किंतु जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ तो वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों को लाने में इसी कानून की मदद से मदद मिली।असम से निर्वाचित भाजपा के सदस्य कामख्या प्रसाद तासा ने भाग लेते हुए कहा कि नोटबंदी के कारण किसी गरीब व्यक्ति को कोई दिक्कत नहीं पहुंची बल्कि जिनके पास काला धन था, केवल उन्हें ही परेशानी महसूस हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन काल में प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है और प्रदेश में एम्स की स्थापना के साथ ही असम को आयुर्वेद का केन्द्र बनाने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार गतिशक्ति योजना के माध्यम से इस पूर्वाेत्तर के राज्य को हाइडेल भारत बनाने के लिए प्रयासरत है जहां परिवहन की सुविधा का विस्तार होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वाेत्तर के राज्य खुद को उपेक्षित महसूस करते थे, ट्रेन सेवाओं सहित तमाम योजनाओं का लाभ मिलने से पूर्वाेत्तर के राज्य मुख्यधारा में लौट रहे हैं।