फरीदाबाद – अमेज़न इंडिया ने आज भारत में पारंपरिक कारीगरों, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों, उभरते स्टार्टअप और भारत के लॉजिस्टिक्स परितंत्र में अनुसंधान आधारित नवोन्मेष का समर्थन करने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित कई संस्थानों के साथ गठजोड़ की घोषणा की। कंपनी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमओएमएसएमई), उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और रेल मंत्रालय के तहत आने वाले गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के साथ हुई इन साझेदारियों के ज़रिये बाज़ार पहुंच के विस्तार, क्षमता निर्माण और भारत की आर्थिक प्राथमिकताओं में सार्थक योगदान देना चाहती है। अमेज़न इंडिया के कंट्री मैनेजर, समीर कुमार ने इन साझेदारियों के संबंध में कहा, हम कारीगरों, उद्यमियों और निरंतर विकसित हो रहे लॉजिस्टिक्स परितंत्र का समर्थन करने के लिए भारत सरकार के इन संस्थानों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ये गठजोड़, देश भर के लोगों और व्यवसायों के लिए पहुंच और अवसरों का विस्तार करते हुए भारत के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों में योगदान करने के अवसर पैदा करेंगे। गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर मनोज चौधरी ने कहा, जीएसवी देश में इस क्षेत्र के लिए एकमात्र विश्वविद्यालय है और यह अनुसंधान और विशेष प्रतिभा विकास के ज़रिये भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में अग्रणी, अमेज़न इंडिया के साथ हमारे गठजोड़ से उद्योग से जुड़ी उल्लेखनीय अंतर्दृष्टि आएगी। इससे साथ मिलकर चलाई गई परियोजनाओं के ज़रिये लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्र में सुव्यवस्थित योजनाओं, डिज़ाईन और नवोन्मेष को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त, डॉ. रजनीश ने कहा, पीएम विश्वकर्मा योजना का लक्ष्य है, टूल, ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) और बाज़ार पहुंच बढ़ाकर भारत के पारंपरिक कारीगरों को सशक्त बनाना। अमेज़न इंडिया के साथ हमारे गठजोड़ से इन कारीगरों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में अधिक सार्थक रूप से भाग लेने और स्थायी आजीविका हासिल करने में मदद मिलेगी, जिसका विकसित भारत के हमारे दृष्टिकोण में उल्लेखनीय योगदान होगा।

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