नई दिल्ली- दक्षिणी निगम का पशु चिकित्सा विभाग द्वारका सेक्टर -29 में दिल्ली का पहला मृत छोटे पशुओं का सीएनजी आधारित शवदाह गृह बना रहा है। इस शवदाह गृह को पीपीपी मॉडल पर बनाने तथा 10 वर्षों तक चलाने व बनाए रखने के लिए ओपन टेंडर के आधार पर ग्रीन रेवोल्यूशन फाउंडेशन संस्था को चुना गया है। अनुबंध की शर्तों के आधार पर इस शवदाह गृह के निर्माणए रख-रखाव एवं चलाने की संपूर्ण लागत ग्रीन रेवोल्यूशन फाउंडेशन संस्था को वहन करनी होगी। दक्षिणी निगम इस मृत पशुओं के शवदाह गृह के लिए केवल 10 वर्षों के लिए जमीन आवंटित करेगा जिसका मालिकाना हक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का ही रहेगा,जिसके चलते निगम ने द्वारका सेक्टर 29 में 700 वर्ग मीटर जमीन संस्था को दी है जिस पर उसने कार्य आरंभ कर दिया है तथा अप्रैल 2022 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। नेता सदन इंद्रजीत सहरावत ने बताया कि 30 किलो तक वजन के मृत पालतू कुत्तों एवं अन्य छोटे जानवरों, बिल्ली,भेड़,बकरी, सुअर के दाह संस्कार के लिए 2000 रुपए एवं 30 किलो से अधिक वजन वाले मृत कुत्तों एवं अन्य छोटे जानवरों के दाह संस्कार के लिए 3000 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है।
सहरावत ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र से लाए गए मृत आवारा कुत्तों के लिए क्रियाकर्म नि:शुल्क होगा वहीं दिल्ली के अन्य निगमों जैसे उत्तरी दिल्ली नगर निगम पूर्वी दिल्ली नगर निगम,नई दिल्ली नगर पालिका एवं दिल्ली छावनी परिषद के अधिकार क्षेत्र के मृत आवारा कुत्तों के लिए शवदाह गृह का शुल्क 500 रूपये प्रति मृत आवारा कुत्ते निर्धारित किया गया है तथा मृत कुत्तों के शव को शवदाह गृह तक लाने की जिम्मेदारी संबंधित निगम की होगी। जबकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मृत आवारा कुत्तों को शवदाह गृह तक लाने का कार्य ग्रीन रेवलूशन फाउंडेशन संस्था करेगी। इंद्रजीत सहरावत ने बताया कि द्वारका सेक्टर -29 स्थित कुत्तों का शवदाह गृह पूर्णत: सीएनजी आधारित होगा। इसमें सीएनजी आधारित दो भट्टियां स्थापित की जायेंगी। 30 किलो तक के मृत छोटे पशुओं को जलाने में अधिकतम 30 मिनट का समय लगेगा। शवदाह गृह सीण्एनण्जी आधारित होने के कारण धुआंरहित एवं पर्यावरण हितैषी होगा।