कन्नूर- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई के सचिव और पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य कोडिएरी बालकृष्णन ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस में अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं की उपेक्षा की जा रही है। बालकृष्णन ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जयपुर में अपने भाषण में केंद्र की हिंदुत्व सरकार को हटाने के बाद देश में हिंदुओं का शासन स्थापित करने का आह्वान किया था और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा उसी रुख के अनुरूप है।

माकपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पार्टी की नई नीति के तहत गुलाम नबी आजाद, सलमान खुर्शीद और के वी थॉमस सहित अपने प्रमुख अल्पसंख्यक चेहरों को राष्ट्रीय स्तर के नेतृत्व से दरकिनार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि इस मुद्दे पर कांग्रेस संगठन में व्यापक रूप से चर्चा की जा रही है। कांग्रेस के केरल नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के प्रतिनिधित्व को हटाने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए बालकृष्णन ने जानना चाहा कि क्या यह कदम गांधी द्वारा जयपुर में घोषित नई नीति के तहत है।

माकपा नेता ने कहा, सवाल यह है कि क्या कांग्रेस की केरल इकाई में भी अल्पसंख्यकों को दरकिनार किया जा रहा है। जब 1982 में के करुणाकरण मुख्यमंत्री बने तो कद्दावर नेता ए एल जैकब को केपीसीसी अध्यक्ष बनाया गया था। जब ए के एंटनी मुख्यमंत्री बने तो के मुरलीधरन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए। जब ओमन चांडी मुख्यमंत्री बने तो मुल्लापल्ली रामचंद्रन प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। बालकृष्णन के बयान की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने माकपा पर राजनीतिक फायदे के लिए समाज में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया।

बालकृष्णन ने यहां मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस पर निशाना साधा। दो दिन पहले बालकृष्णन ने माकपा के तिरुवनंतपुरम जिला सम्मेलन में कहा था कि कांग्रेस ने पार्टी के केरल नेतृत्व में अल्पसंख्यकों को बाहर करते हुए धर्मनिरपेक्षता बनाए रखने का रास्ता चुना है।बालकृष्णन ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख या अल्पसंख्यक समुदायों से नेता प्रतिपक्ष को नियुक्त किया था।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की राजनीति के नए संस्करण के तहत नीति में अब बदलाव किए गए हैं। कांग्रेस नेता और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने बालकृष्णन को पाशनम वर्के कहकर उन पर निशाना साधा। एक लोकप्रिय मलयालम नाटक में पाशनम वर्के एक चतुर भिखारी का चरित्र है, जो एक तरफ ईसाई संत और दूसरी तरफ हिंदू देवता की तस्वीर वाला बोर्ड लगाकर लोगों की धार्मिक भावनाओं का शोषण करता है। बालकृष्णन पर हमला करते हुए सतीशन ने आरोप लगाया कि माकपा ने अपने इतिहास में कभी भी अल्पसंख्यक समुदायों के किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय सचिव या केरल प्रदेश सचिव के रूप में नियुक्त नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बालकृष्णन कांग्रेस में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं के बीच दरार पैदा करना चाहते हैं और यह सफल नहीं होगा।