नई दिल्ली- देश की राजधानी में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने छूट प्राप्त श्रेणी में आने वाले कार्यालयों को छोडक़र सभी निजी कार्यालयों को बंद रखने के मंगलवार को निर्देश जारी किए। जो निजी कार्यालय अभी तक 50 प्रतिशत कार्य क्षमता के साथ काम कर रहे थे, उनसे अब घर से काम करने की प्रक्रिया का पालन करने को कहा गया है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी आदेश के तहत राजधानी के रेस्तरां और बार बंद करने का भी निर्देश दिया गया है। बहरहाल, रेस्तरां को घर पर भोजन पहुंचाने की सुविधा देने की अनुमति है।
इसके अलावा लोग रेस्तरां से पैक कराकर भोजन ले जा सकते हैं। यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव लागू होंगे और आगामी आदेश तक जारी रहेंगे। बता दें कि उपराज्यपाल की अध्यक्षता में डीडीएमए की सोमवार को हुई बैठक में दिल्ली में कोविड-19 संबंधी हालात की समीक्षा की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। आदेश में कहा गया है, ऐसा पाया गया है कि (ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों समेत) कोविड-19 के मामले पिछले कुछ दिनों से तेजी से बढ़ रहे हैं और लोगों के संक्रमित पाए जाने की दर 23 प्रतिशत से अधिक हो गई है। इसमें कहा गया है, इसलिए यह महसूस किया गया कि दिल्ली में अत्यंत संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप समेत कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए और प्रतिबंध लगाए जाने की आवश्यकता है।
आदेश में कहा गया है, छूट प्राप्त श्रेणी के तहत आने वाले कार्यालयों को छोडक़र सभी निजी कार्यालय बंद रहेंगे। घर से काम करने की प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। सभी रेस्तरां और बार बंद रहेंगे। रेस्तरां को घर पर भोजन पहुंचाने की सुविधा देने की अनुमति है। इसके अलावा लोग रेस्तरां से पैक कराकर भोजन ले जा सकते हैं। छूट प्राप्त श्रेणी में आने वाले निजी कार्यालयों को 100 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति होगी। इस श्रेणी में बैंक, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां, बीमा और मेडिक्लेम, फार्मा कंपनियां, अधिवक्ताओं के कार्यालय, कूरियर सेवाएं, गैर बैंकिंग वित्तीय निगम, सुरक्षा सेवाएं, मीडिया, पेट्रोल पंप और तेल एवं गैस खुदरा और भंडारण इकाइयां शामिल हैं। डीडीएमए ने दिल्ली में संक्रमण दर लगातार दो दिन पांच प्रतिशत से अधिक रहने के बाद 28 दिसंबर को येलो अलर्ट लागू किया था, जिसके तहत निजी कार्यालयों को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक 50 प्रतिशत कर्मचारियों की कार्यालय में उपस्थिति के साथ काम करने की अनुमति थी। दिल्ली के सरकारी कार्यालय अभी तक 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ काम कर रहे हैं।