नई दिल्ली- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इंद्रप्रस्थ डिपो से राजधानी की पहली इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि डीटीसी के बेड़े में जल्द ही 300 इलेक्ट्रिक बसें और जुड़ेंगी। दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है और अगले कुछ वर्षों में दो हजार और इलेक्ट्रिक बसें लाने का हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 के बाद से आज तक डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस नहीं आई थी, आज यह पहली बस शामिल हुई है। सीएम ने दिल्लीवालों से अपील करते हुए कहा कि आप भी अपने वाहन को इलेक्ट्रिक में स्विच कर प्रदूषण के खिलाफ इस जंग में अपना योगदान जरूर दें। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह बस रूट संख्या ई-44 पर आईपी डिपो से सर्कुलर सेवा के रूप में चलेगी।
यह बस सेवा सुबह 5:30 बजे से रात 8:20 बजे तक आईपी डिपो से उपलब्ध रहेगी। इस बस के चलने के दौरान आवाज नहीं आती है और इस बस से जरा सा भी धुंआ नहीं निकलता है। आज पहली बस सडक़ पर उतरी है और हमें उम्मीद है कि अप्रैल तक 300 बसें आ जाएंगी। इसके बाद हमारा लक्ष्य अगले कुछ वर्षों के अंदर दो हजार और इलेक्ट्रिक बसें लाने का है। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के साथ बस के अंदर यात्रियों के लिए दी गई आधुनिक सुविधाओं का मौका मुआयना किया और अधिकारियों ने बस में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।केजरीवाल ने बताया दिल्ली की यह पहली इलेक्ट्रिक बस आईपी डिपो से आईटीओ एजीसीआर, तिलक मार्ग, मंडी हाउस, बाराखंबा रोड, कनॉट प्लेस, जनपथ, राजेश पायलट रोड, पृथ्वीराज रोड, अरबिंदो मार्ग, सफदरजंग, रिंग रोड, साउथ एक्सटेंशन, आश्रम, भोगल, जंगपुरा, इंडिया गेट, हाई कोर्ट और प्रगति मैदान होकर गुजरेगी।
आ रही थीं तरह-तरह की अड़चनें: सीएम अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में एक और बड़ी बात यह हुई है कि 2011 के बाद से आज तक डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस नहीं आई थी। कुछ न कुछ ग्रहण लगा हुआ था। जब भी कोशिश की जा रही थी, उसमें तरह-तरह की अड़चनें आ जाती थी। मैं समझता हूं कि 2011 के बाद आज डीटीसी की बेड़े में पहली बस आ गई है। यह बस क्लस्टर के बेड़े में शामिल नहीं है। यह बस पूरी तरह से डीटीसी के अधिकार क्षेत्र में है। हमने आज हवन यज्ञ भी किया है और भगवान से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं समझता हूं कि अब यह ग्रहण खत्म होगा और अब डीटीसी के अंदर और नई बसें आनी चालू होंगी। इस बस की बैट्री एक से डेढ़ घंटे में पूरा चार्ज हो जाती है और एक बार बैट्री के चार्ज होने पर यह बस कम से कम 120 किलोमीटर तक चलती है। जितने भी हमारे डिपो है, उन सभी में चार्जिंग की व्यवस्था की जा रही है।
1.5 घंटे में फुल चार्ज हो जाती है यह बस: गहलोत
इस बस की विशेषताओं को बताते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह अत्याधुनिक बस शून्य टेलपाइप उत्सर्जन के साथ ही 100 फीसद इलेक्ट्रिक हैं। यह बस उन 300 इलेक्ट्रिक बसों में शामिल हैं, जिन्हें डीटीसी के तहत आने वाले दिनों में शामिल किया जाएगा। यह 300 बसें मुंडेला कलां (100 बसें), राजघाट (50) और रोहिणी सेक्टर-37 (150 बसें) डिपो से चलेंगी। इन बसों में विकलांग यात्रियों के लिए घुटनों के बल चलने वाले रैंप और महिला यात्रियों के लिए विशेष गुलाबी सीटें हैं। यह बसें सीसीटीवी कैमरों से लैस हैं, जो कश्मीरी गेट पर एक टूवे सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (सीसीसी) से जुड़ी हैं। प्रत्येक बस में 10 पैनिक बटन और एक हूटर है। यह पहली प्रोटोटाइप बस आईपी डिपो से 27 किमी लंबे रूट पर चलेगी। यह बस एक बार चार्ज करने पर कम से कम 120 किलोमीटर तक चलेगी और करीब 1.5 घंटे में फुल चार्ज हो जाएगी।