नई दिल्ली- भारत के सबसे बड़े डायग्नॉस्टिक नेटवर्क एजिलस डायग्नॉस्टिक्स ने माइलॉयड मैलिग्नेंसी की जांच के नतीजे 3-दिन के टर्नअराउंड टाइम के साथ उपलब्ध कराते हुए जीनोमिक टेस्टिंग के क्षेत्र में शानदार उपलब्धि हासिल की है।भारत में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रगति, बढ़ती जागरुकता और पर्सनलाइज्ड मेडिसिन की बढ़ती मांग के मद्देनज़र जीनोमिक टेस्टिंग मार्केट में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। फिलहाल यह बाजार करीब 150 मिलियन डॉलर मूल्य का है और अगले पांच वर्षों में इसके 15 प्रतिशत से अधिक की सीएजीआर की दर से बढ़ने की संभावना है। जीनोमिक टेस्टिंग ने लक्षित थेरेपी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाकर कैंसर डायग्नॉस्टिक्स में व्यापक बदलाव किए हैं। यह प्रत्येक व्यक्ति की अनूठी जेनेटिक प्रोफाइल के बारे में एक्शन योग्य जानकारी प्रदान कर क्लीनिशियनों को खास किस्म के म्यूटेशनों, व्यक्ति विशेष की जरूरत के मुताबिक उपचारों और अधिकतम दक्षता वली चुनींदा थेरेपी के चयन में मदद पहुंचाती है। कैंसर डायग्नॉस्टिक्स के भविष्य के रूप में, जीनोमिक टेस्टिंग शुरुआती चरण में ही रोग का पता लगाने में सक्षम बनाते हुए सटीक हस्तक्षेप तथा रोग के बेहतर प्रबंधन में मददगार है जो कैंसर केयर पर व्यापक रूप से प्रभाव डालती है। इस पृष्ठभूमि में, एजिलस डायग्नॉस्टिक्स की अत्याधुनिक पेशकश ने जीनोमिक टेस्टिंग को इस लगातार बढ़ रहे बाजार में अग्रणी बनाया है। अभूतपूर्व गति और सटीक नतीजों को उपलब्ध कराते हुए, कंपनी भारत में जीनोमिक टेस्टिंग की बढ़ती मांग का पूरा लाभ उठाने की स्थिति में है, और इसने स्वयं को इस क्षेत्र में दिग्गज के रूप में साख भी दिलाई है।नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग ने जेनेटिक वेरिएशंस के सटीक, विस्तृृत विश्लेषण के साथ क्लीनिशियनों को मरीजों की पसानलाइज़्ड केयर के लिए एक्शन योग्य जानकारी उपलब्ध कराते हुए जेनेटिक टेस्टिंग के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात किया है। जहां एक ओर जेनेटिक टेस्टिंग पारंपरिक तौर पर काफी लंबी प्रक्रिया है, और कंपनी के प्रतिस्पिर्धी अभी तक भी कई-कई हफ्तों में नतीजे उपलब्ध कराते हैं, एजिलस डायग्नॉस्टिक्स ने मॉलीक्यूलर पैथोलॉजिस्ट्स द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार व्यक्तिगत रिपोर्टों को मात्र तीन दिनों (माइलॉयड मैलिग्नेंसी के मामले में) में उपलब्ध कराते हुए नए मानक रचे हैं। जांच नतीजों के तुरंत उपलब्ध होने से क्लीनिकल स्तर पर जल्द फैसले लेना मुमकिन होता है, जो मरीजों के लिए फायदेमंद स्थिति है और इस खूबी ने हमें औरों से अलग बनाया है।माइलॉयड जीनोमिक्स टेस्टिंग एंड प्रेसिजन एसे को कैंसर तथा माइलॉयड विकारों के बारे में अधिक सटीक और त्वरित जानकारी प्रदान करने के लिहाज से तैयार किया गया है। माइलॉयड जीनोमिक टेस्टिंग में, म्यूटेशन और फ्यूज़न जैसे प्रमुख आनुवांशिक बदलावों से संबंधित जोखिमों का पता लगाने वाली जीन्स समेत कुल 79 जीन्स शामिल हैं। इसके चलते, एक्यूट माइलॉयड ल्यूकीमिया और माइलॉप्रोलिफेरेटिव नियोप्लाज़्म जैसी कंडीशंस के लिए पर्सनलाइज़्ड उपचार संबंधी सिफारिशें करना संभव होता है। रिपोर्टों की जांच एक्सपर्ट पैथोलॉजिस्ट द्वारा की जाती है और इनके लिए मरीजों की जरूरतों के अनुरूप, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त जोखिम मूल्यांकन टूल्स तथा थेरेपी संबंधी सुझावों को शामिल किया गया है।जीनोमिक प्रोफाइलिंग प्रेसिजन एसे से लंग, कोलन, ब्रेस्ट कैंसर और मेलानोमा आदि के लिए 50 महत्वपूर्ण जीन्स का विश्लेषण किया जाता है। यह म्यूटेशनों, एंप्लीफिकेशंस तथा फ्यूज़न जीन्स की पहचान कर लक्षित उपचारों के लिए एक्शन लेने योग्य जानकारी प्रदान करता है। जांच के लिए टिश्यू तथा ब्लड सैंपल्स के ऑप्टीमाइज़्ड पैनल्स के चलते, यह टेस्ट कुछ ही दिनों के अंदर जांच के नतीजे उपलब्ध कराते हुए सटीक उपचार ,दवाओं के लिए किसी शक्तिशाली टूल की तरह है।डॉ आनंद के, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, एगिलस डायग्नॉस्टिक्स ने कहा, माइलॉयड मैलग्नेंसी के लिए हमारी तीन दिन की जीनोमिक टेस्टिंग सुविधा ने प्रेसिजन ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में पेश आने वाली सबसे बड़ी समस्या यानी समय को पीछे छोड़ दिया है। इस शानदार उपलब्धि की बदौलत, एजिलस डायग्नॉस्टिक्स ने न सिर्फ इंडस्ट्री में मानक रचे हैं बल्कि यह त्वरित डायग्नॉस्टिक्स तथा उपचार सुविधाओं को मुहैया कराते हुए मरीजों की देखभाल के क्षेत्र में व्यापक बदलाव कर रही है।जीनोमिक परीक्षण क्षेत्र की प्रयोगशालाएं आमतौर से इस काम में 2 से 3 सप्ताह का समय लेती हैं, जिससे क्लीनिकल फैसलों में देरी होती है। इसके उलट, एजिलस डायग्नॉस्टिक्स से तेजी से जांच की सुविधा मिलती है, जिससे डायग्नॉस्टिक टाइमलाइन काफी हद तक घटता है, अस्पतालों में आना-जाना भी कम होता है और मरीजों का अनुभव बेहतर होता है।