नई दिल्ली- हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। साथ ही यह उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक है जो बड़ी संख्या में लोगों, विशेषकर महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड द्वारा 29 सितंबर से 12 अक्टूबर 2024 तक जनपथ, नई दिल्ली के हैंडलूम हाट में “विशेष हैंडलूम प्रदर्शनी” का आयोजन हो रहा है। जो शुरू भी हो चुकी है। यह आयोजन वस्त्र मंत्रालय के कार्यालय विकास के तत्वावधान में हो रहा है।
इस आयोजन का उद्देश्य हथकरघा और हस्तशिल्प की शानदार परंपरा को बढ़ावा देना और बुनकरों एवं कारीगरों को बाजार से जोड़ना है।प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
90 स्टॉल्स, जहां बुनकर और कारीगर सीधे अपने उत्पादों की बिक्री कर सकेंगे।
-भारत के अनूठे हैंडलूम और हस्तशिल्प के क्यूरेटेड थीम प्रदर्शन।
-प्राकृतिक रंगों, फैशन में सर्कुलैरिटी पर कार्यशालाएं।
लाइव करघा प्रदर्शन।
-भारत के लोक नृत्य।
-स्वादिष्ट क्षेत्रीय व्यंजन, आदि।
-हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। भारत का हैंडलूम क्षेत्र सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से 35 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जो कृषि क्षेत्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगारदाता है। हैंडलूम बुनाई और हस्तशिल्प की कला में पारंपरिक मूल्य जुड़े होते हैं और प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अनूठी विशेषताएँ होती हैं। बनारसी, जामदानी, बलुचरी, मधुबनी, कोसा, इकत, पटोला, तसर सिल्क, महेश्वरी, मोइरांग फी, फूलकारी, लहरिया, खंडुआ, टंगलिया, मधुबनी पेंटिंग, वारली पेंटिंग, आर्ट मेटल वेयर, कठपुतली, हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग, चिकनकारी, बंधेज, टेराकोटा, नकल आभूषण और फ्यूजन क्राफ्ट जैसी उत्पादों की विशिष्टता दुनियाभर के ग्राहकों को आकर्षित करती है।
-भारत सरकार ने हैंडलूम उत्पादों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जो उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को शून्य दोष और पर्यावरण पर शून्य प्रभाव के साथ ब्रांडिंग करने के उद्देश्य से हैं। यह न केवल उत्पादों की विशिष्टता को उजागर करता है, बल्कि खरीदार को यह भी आश्वासन देता है कि खरीदा जा रहा उत्पाद वास्तव में हस्तनिर्मित है। प्रदर्शनी में सभी प्रदर्शकों को अपने अनूठे उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिसका उद्देश्य हैंडलूम उत्पादों के बाजार में सुधार और हथकरघा बुनकरों व कारिगरों की आय बढ़ाना है।प्रदर्शनी 12 अक्टूबर 2024 तक सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक जनता के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी में भारत के कुछ अद्वितीय स्थानों से लाए गए हैंडलूम और हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शित और बिक्री के लिए उपलब्ध है।