नई दिल्ली – रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को मान्यता देने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए, नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) की महिला इकाई नारेडको माही ने आज राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया संवाद का आयोजन किया। यह संवाद 27 जून को होने वाले चौथे नारेडको माही कन्वेंशन की प्रस्तावना के रूप में आयोजित किया, जिसमें महिलाओं के नेतृत्व में हो रहे विकास और भारत के विकसित भारत 2047 विज़न के अनुरूप शहरी विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। वक्ताओं ने बताया कि भारत का रियल एस्टेट सेक्टर, जिसकी वर्तमान में अनुमानित कीमत $265 बिलियन से अधिक है, जो इस दशक के अंत तक $1 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है और यह राष्ट्रीय जीडीपी में लगभग 13% का योगदान देगा। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी अभी भी केवल 11-12% के आसपास है। हालांकि, इसमें बदलाव आ रहा है। प्रोजेक्ट प्लानिंग, डिज़ाइन, अनुपालन, निर्माण पर्यवेक्षण और निवेश प्रबंधन जैसे हर स्तर पर अब महिलाएं अधिक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। श्री जी. हरि बाबू, राष्ट्रीय अध्यक्ष, नारेडको ने कहा कि भारत के विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की यात्रा में आधी आबादी की भागीदारी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब केवल सहभागी नहीं रहीं, वे परियोजना प्रमुख, उद्यमी, निवेशक और सुधारक बन चुकी हैं जो इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग डेवलपमेंट में रणनीतिक दृष्टि और सामाजिक जागरूकता दोनों लेकर आ रही हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि स्वतंत्रता के बाद सहकारी आंदोलनों में योगदान से लेकर आज बोर्डरूम तक की यात्रा में भारतीय महिलाओं ने हर चुनौती में नेतृत्व दिखाया है। सत्र में यह भी बताया गया कि भारत में आज 20% से अधिक पंजीकृत आर्किटेक्ट महिलाएं हैं, जो शहरी नियोजन, विरासत संरक्षण और सतत डिज़ाइन प्रथाओं में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। टियर-1 शहरों में लगभग 15% रियल एस्टेट ब्रोकरेज और परामर्श फर्में अब महिला नेतृत्व में हैं, जो एक दशक पहले की तुलना में बड़ी वृद्धि है। निर्माण कार्यबल में महिलाएं लगभग 10% हैं, मुख्य रूप से फिनिशिंग और पर्यवेक्षण भूमिकाओं में, लेकिन अब स्किलिंग प्रोग्राम और डिजिटल सर्टिफिकेशन के माध्यम से साइट इंजीनियरिंग और मटीरियल मैनेजमेंट जैसे कौशल आधारित क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ रही है। इंटीरियर डिज़ाइन, रियल एस्टेट कानूनी अनुपालन, ईएसजी परामर्श, ग्रीन सर्टिफिकेशन और डिजिटल रियल्टी प्लेटफॉर्म जैसे सहायक क्षेत्रों में 35-40% तक महिला भागीदारी देखी जा रही है, खासकर मेट्रो शहरों और उभरते अर्बन क्लस्टरों में। डॉ. निरंजन हीरानंदानी, चेयरमैन, नारेडको ने कहा,महिला नेता आज सिर्फ रियल एस्टेट नहीं बदल रहीं, वे भारत के निर्माण के व्यवसाय की परिभाषा को ही नया रूप दे रही हैं। एक डेवलपर, रणनीतिकार, फाइनेंसर और नीति निर्माता के रूप में वे जिस व्यावसायिक दृष्टि और दीर्घकालिक सोच के साथ आगे बढ़ रही हैं, वह हमारे शहरी अर्थव्यवस्था को आकार दे रही है। महिला नेतृत्व को सशक्त बनाना अब सिर्फ सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक रणनीतिक व्यावसायिक निर्णय बन गया है। सुश्री स्मिता पाटिल, अध्यक्ष, नारेडको माही ने साझा किया कि संगठन सक्रिय रूप से महिलाओं के लिए समावेशी रास्ते बनाने हेतु विभिन्न हितधारकों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि नारेडको माही केवल बोर्डरूम चर्चाओं तक सीमित नहीं है बल्कि युवतियों के लिए कौशल प्रशिक्षण, जलवायु-संवेदनशील निर्माण, निर्माण स्थलों पर स्वच्छता और सुरक्षा, रियल्टी परियोजनाओं में जल संरक्षण मॉडल और डेवलपर्स के लिए ठोस कचरा प्रबंधन जैसी जमीनी पहलों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि नारेडको माहि का यह प्रयास अब टियर-2 और टियर-3 शहरों तक पहुँच गया है, जहां महिलाएं अब मार्केटिंग, लीगल, प्रोजेक्ट फाइनेंस और क्लाइंट रिलेशन्स जैसे पहले कठिन माने जाने वाले क्षेत्रों में भी दिखाई दे रही हैं। सुश्री पाटिल ने यह भी जोड़ा कि आगामी चौथा नारेडको माही कन्वेंशन महिलाओं द्वारा रियल एस्टेट क्षेत्र में लाए जा रहे बदलावों की सशक्त कहानियों और उनके वास्तविक अनुभवों को मंच देगा। इस कन्वेंशन का एक प्रमुख आकर्षण पिता-पुत्री की जोड़ी पर आधारित विशेष सत्र होगा, जो पीढ़ियों की रूढ़ियों को तोड़ते हुए आधुनिक रियल्टी नेतृत्व को आकार दे रही हैं। इसके अलावा ‘माही शेरोज़ का सम्मान, नीति मास्टरक्लास और वेलनेस लिविंग व सस्टेनेबल हाउसिंग’ जैसे सत्र भी होंगे, जो महामारी के बाद शहरी विकास में 16% से अधिक वार्षिक वृद्धि दर के साथ एक प्रमुख रुझान बनकर उभरे हैं। डॉ. अनंता सिंह रघुवंशी, चेयरपर्सन, नारेडको माही ने कहा कि यह कन्वेंशन एक इंडस्ट्री प्लेटफॉर्म होने के साथ-साथ एक नेतृत्व वक्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि महिलाएं सहानुभूति, सटीकता और लोगों के केंद्र में नवाचार लेकर आ रही हैं, जिससे यह तय हो रहा है कि रियल एस्टेट कैसे विकसित किया जाए और बेचा जाए। स्किलिंग, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में नारेडको माहि की पहल महिलाओं की रियल एस्टेट यात्रा में उनकी उपस्थिति को हर स्तर पर सशक्त बना रही है। श्री हर्षवर्धन बंसल, अध्यक्ष, नारेडको दिल्ली ने कहा कि भारत में अब 30% से अधिक स्टार्टअप्स महिलाओं के नेतृत्व में हैं, इसलिए रियल एस्टेट सेक्टर को भी इस लैंगिक संतुलन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने होंगे। उन्होंने कहा कि मल्टीटास्किंग, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और दीर्घकालिक सोच जैसे गुण, जो अब तक इन्फ्रा परियोजनाओं में नजरअंदाज होते रहे—अब महिला पेशेवरों के ज़रिए सामने आ रहे हैं, जो न सिर्फ घर बल्कि पूरी कम्युनिटी को नया आकार दे रही हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि महिलाओं की यह ‘सॉफ्ट पावर’ आने वाले वर्षों में भारत की रहने की गुणवत्ता, किफायती हाउसिंग और सतत विकास की सोच को एक नया दृष्टिकोण दे सकती है।
चौथे नारेडको माही कन्वेंशन में नीति निर्माताओं, डेवलपर्स, रियल एस्टेट रणनीतिकारों, वित्तीय संस्थाओं, शिक्षाविदों और सामाजिक परिवर्तनकर्ताओं का जमावड़ा होगा, जो यह चर्चा करेंगे कि भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर यात्रा में महिलाएं कैसे केंद्रीय भूमिका निभा सकती हैं। जैसे-जैसे देश विकसित भारत की रूपरेखा तैयार कर रहा है, नारेडको माहि यह सुनिश्चित कर रहा है कि महिलाएं इस कहानी का हिस्सा ही नहीं, बल्कि इसकी अगुवाई करें।

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