-विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने लगाए केजरीवाल सरकार पर अरोप
-बफर स्टॉक के दावे के बावजूद दिल्ली वालों को नहीं मिल रहा सस्ता प्याज
नूतन/नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी से सत्ता की चाबी छीन लेने वाली प्याज एक बार फिर राजधानी वासियों को रूला रही है। दिल्ली में प्याज के दाम एकाएक 80 से 100 रूपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर केंद्र सरकार की सस्ती प्याज को वापस कर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक प्रपंच के चलते आम आदमी की रसोई में रोजमर्रा में प्रयोग होने वाली प्याज 80 से 100 रूपये प्रति किलो के रिकोर्ड दामों पर बिक रही है। केन्द्र की मोदी सरकार के बार-बार निवेदन के बावजूद मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक खेल में इतनी बुरी तरह मशगूल रहे कि उन्होंने प्याज का बफर स्टॉक नहीं बनाया। यहां तक कि केन्द्र सरकार की ओर से भेजी गई प्याज की सप्लाई भी लौटा दी गई।
विजेन्द्र गुप्ता ने खुलासा किया कि केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार को भेजे पत्र में इस बात पर खेद व्यक्त किया है कि दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार के बार-बार कहने पर भी प्याज के दामों पर अंकुश लगाने के लिए बफर स्टॉक नहीं बनाया। भारत सरकार के कन्ज्यूमर अफेयर मंत्रालय के इकोनोमिक एडवाइजर ने दिल्ली सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि 4 अक्टूबर को भेजा गया सप्लाई ऑर्डर अचानक रोक दिया गया। सरकार ने कारण बताया कि उसके पास पहले ही काफी स्टॉक है।
दिल्ली में प्याज का भारी संकट होने पर दिल्ली सरकार ने 9 अक्टूबर को केन्द्र सरकार को प्याज की सप्लाई के लिए कहा। केन्द्र ने दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को महाराष्ट्र में अपनी टीमें भेजने के लिए लिखा। परन्तु केजरीवाल सरकार ने मात्र दो अधिकारी ही भेजे। यह इस बात की सहमति थी कि इन अधिकारियों की सिफारिश को दिल्ली सरकार स्वीकार करेगी। इसके बावजूद सरकार ने प्याज की डिलीवरी लेने से मना कर दिया। जिसके कारण प्याज को अन्य माध्यमों से बिक्री के लिए भेजना पड़ा। दिल्ली में प्याज के दामों पर अंकुश लगाने के मामले में केजरीवाल सरकार का रवैया असहयोगपूर्ण रहा है।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने सस्ती प्याज उपलब्ध कराने के नाम पर करोड़ों रूपए विज्ञापन पर फूंक दिए। सरकार प्याज के आसमान छूते दाम और उसकी चरमराई वितरण व्यवस्था से बेअसर रही। प्याज के ऊंचे दामों के कारण आम नागरिकों की आंखों में आंसू निकल रहे हैं। दिल्ली सरकार बनावटी संकट पैदा कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही है। सरकार ने जिन 70 मोबाइल वैनों और 400 दुकानों के माध्यम से 23.90 रूपये प्रति किलो प्याज बेचने का वायदा किया था वे दिखाई ही नहीं दे रहे। पिछले एक महीने से न ही वैन और न ही किसी दुकान के माध्यम से जनता को प्याज मिली है। दिल्ली सरकार ने खुद ही सप्लाई बंद करने को लिखा और स्टॉक को वापस लेने के लिए कहा। केजरीवाल के इस प्रपंच के चलते आम नागरिक बाजार से महंगी प्याज खरीदने को मजबूर रहे हैं।
गोदाम में सड़ गई प्याजः
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि केजरीवाल सरकार की ओर से 31 अक्टूबर को पत्र लिखकर बताया गया था कि उसके गोदामों में प्याज सड़ गई है। केंद्र से यह निवेदन भी किया था कि सड़ी हुई प्याज को उठाने की व्यवस्था की जाए। इस दौरान दिल्ली में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। लेकिन दिल्ली सरकार ने केन्द्र सरकार को प्याज की सप्लाई के लिए एक भी पत्र नहीं लिखा। केजरीवाल सरकार केवल अपने प्रचार में लगी हुई है।
सामने आया दोहरा चरित्रः
विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दोहरा चरित्र सामने आया है। उन्होंने प्याज की आपूर्ति को लेकर जनता के साथ धोखा किया है। एक ओर सस्ता प्याज उपलब्ध कराने का लुभावना प्रचार करते रहे। दूसरी ओर बाजार में सस्ता प्याज उपलब्ध ही नहीं कराया।