नई दिल्ली- दिल्ली सरकार के वित्त पोषित शिक्षकों और कर्मचारियों ने शुक्रवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर अपनी समस्याओं को साझा किया। 12 कॉलेजों के वित्त पोषित शिक्षकों और कर्मचारियों को पिछले 2 से 6 महीनों से वेतन ना मिलने के कारण उन्हें बेहद अमानवीय जीवन जीना पड़ रहा है। यह शिक्षकों के ष्जीवन जीने के अधिकार एवं मानवाधिकारों,का सीधे तौर पर उल्लंघन है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौर में भी पूरी ग्रांट न मिलने के कारण दिल्ली के शिक्षकों के मेडिकल बिल,बच्चों की शिक्षा भत्ता पिछले दो सालों से बाकी है। लंबे समय से प्रत्येक वर्ष 4 से 10 करोड़ के वितीय घाटे की मार इन 12 कॉलेजों पर पड़ रही है। यह दिल्ली सरकार के तथाकथित शिक्षा मॉडल की पोल खोलकर उसकी असफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन ना मिलने से उनको अपने परिवार के भरण पोषण एवम घर इत्यादि की किस्ते आदि देने में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।