-जहरीले पानी पर… बीजेपी युवा मोर्चा का प्रचंड प्रदर्शन
-विरोध प्रदर्शन में सड़कों पर उतरे उपाध्याय और विजेंद्र
परफैक्ट न्यूज ब्यूरो/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में जहरीले पानी की सप्लाई पर राजनीति तेज होती जा रही है। एक ओर केजरीवाल सरकार दिल्ली जल बोर्ड को और सक्षम बनाने का दावा कर रही है। तो दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा ने राजधानी में जहरीले पानी की सप्लाई के विरोध में 50 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
दिल्ली की जनता को मिले स्वच्छ पानी अपनी इस मांग को लेकर दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता अलग अलग स्थानों पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व दिल्ली के प्रभारी श्याम जाजू ने आईटीओ फुटओवर ब्रिज पर, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने धौला कुंआ प्लाईओवर पर, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने मूलचंद फ्लाईओवर पर और मिजोरम के प्रभारी के पवन शर्मा ने राजौरी गार्डन में केजरीवाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
आईटीओ फूटओवर ब्रिज पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुये श्याम जाजू ने कहा कि देश व दुनिया में दिल्ली का नाम खराब हो रहा है। लोग इस बात को सुन रहे हैं कि भारत की राजधानी दिल्ली में मौजूदा आम आदमी पार्टी की सरकार जनता को पीने का स्वच्छ पानी देने में पूरी तरह से फेल हुई है। ऐसे में लोग इस बात पर चर्चा कर रहे है कि फिर ऐसी सरकार सत्ता में है ही क्यों? लोगों के मन का प्रश्न बिल्कुल उचित है जो सरकार पीने का स्वच्छ पानी न दे सके उसे सत्ता में बने रहने का क्या अधिकार है। मुख्यमंत्री ने महंगें विज्ञापनों के माध्यम से दिल्ली की जनता को खुब गुमराह करने की कोशिश की है। लेकिन जनता एक-एक कर केजरीवाल सरकार की नाकामियों को देखती रही है और उन्होंने इसका उचित जवाब पहले निगम और फिर लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को हराकर दिया है। झूठ का कारोबार करने वाली आम आदमी पार्टी व उसके नेताओं की विश्वसनीयता को दिल्ली की जनता नकार रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोककल्याकारी क्षमता की ओर अपना विश्वास प्रकट कर रही है।
धौला कुंआ प्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि न कोई विजन है और न ही काम करने का कोई मन है। मुख्यमंत्री केजरीवाल को ऐसा लगता है कि वो जो करते हैं वही सही होता है और बाकी सब गलत होते हैं। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि वो दिल्ली की जनता को बतायें कि 57 महीने के कार्यकाल में आपने क्या काम किये, प्रदूषण को कम करने के लिए और दिल्ली की जनता को स्वच्छ पीने का पानी मुहैया कराने के लिए। जब आज पीने का पानी लोगों के पास नहीं है तो वो ऐसी संकट की स्थिति में कहां जाये। वायु प्रदूषण से दम घुट रहा है और पानी जहर के समान हो गया है, मुख्यमंत्री केजरीवाल ऐसी भयावह परिस्थियों के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं और इसके लिए उन्हें दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए। केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से प्रदूषण की यह स्थिति है। कल्पना कीजिए यदि यह एक्सप्रेस वे नहीं बना होता तो दिल्ली की सड़कों पर प्रतिदिन 60 हजार वाहन और ज्यादा होते और 90 प्रतिशत लोग अस्पताल में प्रदूषण जनित बीमारियों के कारण भर्ती होते।
मूलचंद फ्लाईओवर पर केजरीवाल सरकार की नाकामियों को गिनाते हुये दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि आरोप प्रत्यारोप कर अपनी अकर्मण्यता छुपाने वाले और दिल्ली की जनता के बहुमूल्य जीवन को संकट में डालने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जनता से केवल झूठ बोला है। साढ़े चार वर्ष तक चिल्लाते रहे हमें काम नहीं करने दिया जा रहा है और जब चुनावी वर्ष सामने देखा तो तबाड़तोड़ योजनाओं का सगुफा जनता के बीच छोड़ का दिल्ली के लोगों को गुमराह करने लगे।
राजौरी गार्डन में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुये मिजोरम के प्रभारी पवन शर्मा ने कहा कि जल ही जीवन है और जब जल ही दूषित मिलने लगे तो अंत निश्चित है। पहली बार दिल्ली की सत्ता में ऐसा मुख्यमंत्री आया है जो दिल्ली की जनता को दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों की ओर धकेल रहा है। स्वच्छ पानी हर नागरिक का मूल अधिकार है और उसे अधिकार को छिनने का प्रयास मुख्यमंत्री केजरीवाल कर रहे हैं। दिल्ली की स्थानीय जनता एक जूट होकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ सड़को पर स्वच्छ पानी मांग रही है और केजरीवाल कह रहे हैं कि पानी के नमूनों की दोबारा जांच कराई जाये। यह वही मुख्यमंत्री है जो प्रदूषण बढ़ने पर उसे बढ़ने से रोकने का काम नहीं करते है बल्कि प्रदूषण मास्क बांटकर लोगों को घरों से निकलने के लिए मना करते है। तुष्टिकरण की दलगत राजनीति करने वाले केजरीवाल सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी मुफ्त दे सकते हैं, लेकिन जनता मुफ्त के छलावे में आने वाली नहीं है।