बेंगलुरु – भारत की प्रमुख पीपुल सप्लाई चेन कंपनी, टीमलीज़ सर्विसेज़ ने दूरसंचार सेक्टर पर अपना नवीनतम मूल्यांकन जारी किया है, जिसमें ब्रॉडबैंड के उभरते परिदृश्य में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया गया है। दूरसंचार सेक्टर में धीमी वृद्धि के बावजूद, ऐसी उम्मीद है कि हाई-स्पीड इंटरनेट और डेटा से संचालित सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण, ब्रॉडबैंड मार्केट में अगले कुछ सालों में 9-10% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (कम्पाउंड एनुअल ग्रोथ रेट या सीएजीआर) देखने को मिल सकती है। भारत में वायर्ड ब्रॉडबैंड की पहुंच वर्तमान में लगभग 13% है, जबकि इस आंकड़े में तेज़ी आने की उम्मीद है क्योंकि सेवा प्रदाता हायर औसत प्रति उपयोगकर्ता आय (एवरेज रेवेन्यू पर यूज़र या एआरपीयू) के कारण पारंपरिक मोबिलिटी उत्पादों पर ब्रॉडबैंड सेवाओं को प्राथमिकता देते हैं।
ब्रॉडबैंड सेवाओं के विस्तार से न केवल कनेक्टिविटी बढ़ रही है, बल्कि इससे दूरसंचार उद्योग में रोज़गार की संभावनाओं में वृद्धि हो रही है। चूंकि ब्रॉडबैंड सेवाओं का निरंतर विस्तार हो रहा है, इसलिए विभिन्न भूमिकाओं में कुशल पेशेवरों की आवश्यकता बढ़ रही है। ब्रॉडबैंड का प्रसार उन इलाकों में भी हो रहा है, जो पहले इस तकनीक से अनछुए थे, इस कारण से ग्राहकों तक अपनी सेवाएं पहुंचाने में सेल्स टीम्स महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, कनेक्शन स्थापित करने और सुचारू रूप से सेवाएं देने के लिए इंस्टॉलेशन और रिपेयर टीम्स आवश्यक हैं। इसके विपरीत, नेटवर्क ऑपरेशन और मैंटनेंस टीम्स, जिनमें फाइबर तकनीशियन, नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर (एनओसी) कर्मचारी, और ग्राहक देखभाल पेशेवर शामिल हैं, नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखने और ग्राहक सहायता देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत के बढ़ते ब्रॉडबैंड इकोसिस्टम की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए ये भूमिकाएं आवश्यक हैं।दूरसंचार सेक्टर के भविष्य पर टिप्पणी करते हुए, टीमलीज़ सर्विसेज़ के चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर, श्री सुब्बुराथिनम पी ने इस उद्योग के विकास को आगे बढ़ाने में ब्रॉडबैंड के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ब्रॉडबैंड सेवाओं के विस्तार का मतलब केवल इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना बस नहीं है; यह हमारे काम करने, रहने और दुनिया से इंटरैक्ट करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने के बारे में है। भारत में होम ब्रॉडबैंड की पहुंच फिलहाल केवल 13% है, लेकिन 5जी को अपनाने की तेज़ गति और सैटेलाइट आधारित सेवाओं की संभावना से, हम एक बड़े बदलाव के मुहाने पर है। ब्रॉडबैंड की मांग में यह वृद्धि बिक्री और इंस्टॉलेशन से लेकर नेटवर्क ऑपरेशंस और ग्राहक सेवा तक, पूरे सेक्टर में रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है। हम दूरसंचार परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव देख रहे हैं – जहां डेटा से संचालित सेवाएं विकास की अगली लहर का नेतृत्व करेंगी, जो करियर की नई राहें पैदा करेंगी और कार्यबल को नया आकार देंगी।विभिन्न नौकरियों की बढ़ती मांग के अलावा, यह डेटा कई प्रमुख ट्रेंड्स की भी पहचान करता है जो ब्रॉडबैंड सेक्टर के भविष्य को आकार दे सकती हैं। 5जी-आधारित वायरलेस ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार, जिसे अक्सर एयर फाइबर कहा जाता है, जो लगातार रफ्तार पकड़ रहा है, जहां कुछ सेवा प्रदाताओं ने इन सेवाओं को प्रारंभ किया है। यह विकास ज़्यादा तेज़ इंटरनेट स्पीड और बेहतर कवरेज देगा, जिससे हाई-स्पीड डेटा की बढ़ती मांग पूरी होगी। इसके अलावा, भारतनेट प्रोजेक्ट का निरंतर कार्यान्वयन ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ा रहा है और कम सुविधाओं वाले इलाकों तक ब्रॉडबैंड को पहुंचा रहा है। इसके अलावा, भारत में सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाओं के संभावित लॉन्च से दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, जिससे ब्रॉडबैंड मार्केट में प्रतिस्पर्धा और भी आगे बढ़ेगी।टीमलीज़ डेटा ब्रॉडबैंड उद्योग के विकास को आगे बढ़ाने वाले कार्यबल के बारे में जानकारी देता है। इस सेक्टर के अधिकांश कर्मचारी 18 से 30 साल उम्र के हैं, और 67% से अधिक सहयोगी इसी उम्र वर्ग में आते हैं। शैक्षिक योग्यता की बात करें तो, कार्यबल के महत्वपूर्ण हिस्से यानि 41.23% सहयोगियों के पास स्नातक की डिग्री है, जबकि 29.7% ने अपनी 12वीं कक्षा पूरी कर ली है। यह डेटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि ब्रॉडबैंड कार्यबल अपेक्षाकृत युवा और सुशिक्षित है, जिस कारण से यह इस तेज़ी से बढ़ते उद्योग की मांगों को पूरा करने की अनुकूल स्थिति में है।