मुंबई- कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी की कंपनियों पर लगे धोखाधड़ी और शेयरों की कीमत में हेराफेरी के आरोपों की जांच के लिए निश्चित तौर पर संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार मामले से जुड़े तथ्यों को नागरिकों से छिपाना चाहती है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका से परिचालित हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, अडाणी समूह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह कानून का अनुपालन करता है और जानकारी देने संबंधी शर्तों का अनुपालन करता है। यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि भारतीय जीवन बीमा निगम एलआईसी के करोड़ों बीमा धारकों और भारतीय स्टेट बैंक के करोड़ों खाताधारकों को जवाब दिया जाए क्योंकि इस मुद्दे से करदाताओं की गाढ़ी कमाई जुड़ी हुई है। खेड़ा ने जोर देकर कहा, देश की जनता को अडाणी समूह और शेल कंपनियों के वित्तपोषण के स्रोत की जानकारी मिलनी चाहिए। वह जानना चाहती है कि देश के अहम क्षेत्र एक व्यक्ति के हाथों में क्यों सौपे गए। कांग्रेस कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं है लेकिन वह एक कॉरपोरेट के वर्चस्व के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अगर व्यापार सुगमता का दायरा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों तक विस्तारित किया जाए तो भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने कहा, मोदी सरकार जेपीसी से भयभीत है, क्योंकि उसे डर है कि इससे अडाणी समूह के साथ उसके संबंधों का खुलासा हो जाएगा। जेपीसी का गठन संसदीय परंपरा की प्रक्रिया है। जनता जानना चाहती है कि भारतीय रिजर्व बैंक को अडाणी समूह को बैंकों द्वारा दिए गए ऋण की जानकारी क्यों नहीं है। खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने जेपीसी गठित करने की विपक्ष को मांग को नहीं स्वीकार किया और जनता यह देख रही है।
