नई दिल्ली- दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को 31 मई तक नालों से गाद निकालने और संवेदनशील स्थानों पर पंप लगाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया। ताकि आगामी मानसून के मौसम में जलभराव न हो। सिसोदिया ने चेतावनी दी कि नालों की सफाई के संबंध में किसी भी ढिलाई के लिए अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीडब्ल्यूडी ने उप मुख्यमंत्री के निर्देशों की तत्काल अनुपालन के लिए विभिन्न संभागों के मुख्य अभियंताओं को सर्कुलर भी जारी किया है।सर्कुलर में कहा गया है कि नालियों की सफाई, पंपों की स्थापना, रखरखाव वैन की तैनाती आदि के सभी टेंडर जल्द से जल्द बुलाए जाने चाहिए। सभी नालों की सफाई और सफाई का काम 31 मई 2022 तक पूरा किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण स्थानों और हॉटस्पाट पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है, संबंधित मुख्य अभियंता व्यक्तिगत रूप से संभागों द्वारा किए गए कार्यों की निगरानी करें। साथ ही किसी भी ढिलाई के लिए तुरंत आवश्यक कार्रवाई भी करें। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में करीब 2,846 नाले हैं और इनकी लंबाई लगभग 3,692 किलोमीटर है। पीडब्ल्यूडी शहर के 17 मंडलों में 1,260 किलोमीटर सडक़ के साथ 2050 किलोमीटर लंबी नालियों का प्रबंधन करता है। तीनों नगर निगम सामूहिक रूप से अपनी सडक़ों और कालोनियों में 400 किमी से अधिक छोटे और मध्यम नालों का प्रबंधन करते हैं। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि समय पर पूरा करने के लिए टेंडरों के आवंटन की प्रक्रिया मार्च में ही शुरू हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही नालों से गाद निकालने के टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि पिछले दो वर्षों में, कोरोना महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के कारण नालों की सफाई में लगभग दो महीने की देरी हुई है। बंद नालियों और गाद निकालने में देरी के कारण 2020 और 2021 में भी मानसून के मौसम के दौरान शहर के कई हिस्सों में व्यापक जलभराव हो गया था।