नई दिल्ली- दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बुधवार को बाल संरक्षण गृह एवं सुधार गृह का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने कहा कि सरकार का मकसद सभी आश्रय गृहों को विश्वस्तरीय बनाना है, ताकि पूरा देश इसे एक मॉडल के रूप में अपनाए। मंत्री ने दोनों आश्रय गृहों का निरीक्षण करने के दौरान साफ सफाई और बच्चों को मिल रही सुविधाओं पर खासकर गौर किया। इस दौरान उन्होंने सभी बच्चों से संवाद भी किया, जिसमें सभी बच्चों ने अपने भविष्य की योजनाएं को उनसे साझा किया। उन्होंने सभी बच्चों को आगे बढऩे और एक अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं, मंत्री गौतम ने प्रधान सचिव संदीप कुमार को सलाह दी कि भविष्य में विभाग लगातार संवाद कार्यक्रम का आयोजन सुनिश्चित करें, जिसमें स्वयं मंत्री और वरिष्ठ आईएएस व प्रशासनिक अधिकारी बच्चों से सीधा संवाद स्थापित कर उनके आत्मविश्वास और जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद कर सकें। साथ ही संस्था में समस्याओं व उनके सुधार और संस्था के रखरखाव में सरकार व बालकों समेत अन्य संस्थाओं की सहभागिता को सुनिश्चित करने के निरंतर प्रयास किए जा सकें। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी बच्चों के सपने पूरे हों और उनका भविष्य उज्जवल हो। इसके लिए सरकार उनको सभी प्रकार की प्रशिक्षण सुविधाएं आदि उपलब्ध कराएगी। उधर, दिल्ली बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कैबिनेट मंत्री को सुझाव दिए गए कि ऐसी संस्थाओं में वैज्ञानिक आधार के साथ काम किया जाना चाहिए, जिसके अंतर्गत मनोवैज्ञानिक, खेलकूद व मनोरंजन की सुविधाओं के स्तर को बढ़ाने की आवश्यकता है। मंत्री ने उनके सुझाव को विभाग को क्रियान्वित करने का निर्देश दिया और मौजूदा सुविधाओं में कमियों को दूर करने का भी निर्देश दिया गया। दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा विक्षिप्त बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग पहले से ही संवेदनशील है।