तेजी से विकसित होते क्षेत्र में जहां बीएफएसआई कंपनियां एंट्री-लेवल के पदों के लिए अपने भर्ती प्रयासों में तेजी ला रही हैं, शाहनी ग्रुप ऐसा ग्रुप है जो कुशल एवं नौकरी के लिए तैयार वर्कफोर्स मुहैया कराने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। शाहनी ग्रुप का स्मार्ट इंस्टीट्यूट चर्चा में है, क्योंकि यह बीएफएसआई क्षेत्र में कुशल प्रतिभाओं की आवश्यकता को पूरा करता है। बीएफएसआई एक ऐसा क्षेत्र है, जहां कुशल पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ रही है। स्मार्ट इंस्टीट्यूट बीएफएसआई पेशेवरों की अगली पीढ़ी के लिए एक अभिनव और समावेशी रास्ते की पेशकश करते हुए उद्योग को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है। वर्ष 2030 तक भारत की स्किल इकॉनमी के 2 ट्रिलियन होने का अनुमान है, जिसमें बीएफएसआई, फार्मास्युटिकल, ई-कॉमर्स और आईटी/आईटीईएस क्षेत्र प्रशिक्षित श्रम बल की मांग को बढ़ा रहे हैं। इस वर्ष बीएफएसआई सेक्टर में कैंपस हायरिंग में लगभग 15-20% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो प्रशिक्षित युवाओं के लिए वर्कफोर्स का हिस्सा बनने का एक शानदार अवसर होगा। हालांकि, मौजूदा बाजार चुनौतियां बीएफएसआई क्षेत्र के लिए आवश्यक कौशल की आपूर्ति में मौजूद पर्याप्त अंतर की तरफ इशारा करती हैं।भारत की बुनियादी शिक्षा प्रणाली, जो मौजूदा औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं है, ने कई कम आय वाले छात्रों को सीमित अवसरों का विकल्प दिया है, जिसकी वजह से उन्हें अक्सर अनौपचारिक या ब्लू-कॉलर नौकरियों तक सीमित रहना पड़ता है। इसके विपरीत, व्हाइट कॉलर नियोक्ता विशिष्ट रूप से सॉफ्ट और हार्ड स्किल के साथ-साथ सही व्यक्तित्व वाले उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं। दुर्भाग्य से, कम आय वाले अधिकांश युवाओं में इन पेशेवर संचार क्षमताओं, व्यक्तित्व गुणों और आवश्यक कौशल और अनुभव का अभाव होता है, जिसकी वजह से उनके लिए बीएफएसआई क्षेत्र में रोजगार हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।शाहनी ग्रुप के अग्रणी स्मार्ट इंस्टीट्यूट ने इस अंतर को कम करने और बीएफएसआई उद्योग की भर्ती जरूरतों को पूरा करने के लिए पहल की है। स्मार्ट इंस्टीट्यूट एड-टेक उद्योग के अपस्किलिंग सेगमेंट में एकमात्र मंच है जो वास्तविक प्लेसमेंट प्रदान करता है और बेहद किफायती है, जो इसे छात्रों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए सुलभ बनाता है। यह छात्रों को व्हाइट कॉलर नियोक्ताओं की जरूरतों के मुताबिक क्षमता विकसित करने का अवसर देता है।स्मार्ट ने यह उपलब्धि अपने अत्याधुनिक नजरिये के माध्यम से हासिल की है जिसमें डेटा एनालिटिक्स, बिहैविरियल साइंस और एआई-संचालित समाधान शामिल हैं। यह उद्योग की जानकारी के सात बीएफएसआई क्षेत्र में विशिष्ट नौकरी भूमिकाओं के लिए आवश्यक सॉफ्ट और हार्ड स्किल का आकलन करने के लिए डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करता है। इसके अलावा, बिहैविरियल साइंस का उपयोग छात्रों को प्रशिक्षित करने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जरूरी मानकों को पूरा करते हैं और फिर उन्हें काम करने योग्य बनाया जा सके। स्मार्ट की सफलता में एआई एप्लिकेशन की महप्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि यह प्रत्येक छात्र की क्षमताओं का विश्लेषण करता है, प्रत्येक छात्र की जरूरतों के मुताबिक व्यक्तिगत प्रशिक्षण विकल्प प्रदान करते हुए और सही नौकरी और सही छात्र के बीच सटीक मिलान सुनिश्चित करता है। यह एकीकृत नजरियाबीएफएसआई क्षेत्र के लिए कुशल और नौकरी के लिए तैयार वर्कफोर्स बनाने की स्मार्ट की क्षमता को बताता है।हासिल नतीजे इस सफलता की कहानी बयां करने के लिए काफी है। स्मार्ट इंस्टीट्यूट ने 12,000 से अधिक छात्रों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित करते हुए उनकी प्लेसमेंट को सुनिश्चित किया है और वे अच्छे वेतन वाले पदों पर काम कर रहे हैं। इन स्नातकों के लिए औसत वेतन पैकेज 2.4 लाख रुपये से 3 लाख रुपये प्रति वर्ष तक है, जो बीएफएसआई उद्योग के वर्कफोर्स की चुनौतियों को संबोधित करने में शाहनी ग्रुप के स्मार्ट समाधान की प्रभावशाली अहमियत को बयां करता है।इस महत्व्पूर्ण पहल पर टिप्पणी करते हुए शाहनी ग्रुप के प्रबंध निदेशक डॉ. अखिल शाहानी ने कहा,हमारा मिशन 2028 तक 1 मिलियन ब्लू-कॉलर बच्चों को प्रशिक्षित कर उन्हें व्हाइट कॉलर नौकरियां दिलाना है, जिससे भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान किया जा सके। हमारे पास लगभग 190 मिलियन भारतीय अभी भी बैंकिंग सुविधा से वंचित हैं, ऐसे में बीएफएसआई क्षेत्र 2025 तक लगभग 715 बिलियन डॉलर के अनुमानित खर्च के साथ बढ़ता रहेगा। हम छात्रों को जरूरी कौशल और ज्ञान मुहैया कराते हुए इस विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि वे इस क्षेत्र में अपना बेहतरीन योगदान दे सकें। स्मार्ट इंस्टीट्यूट के साथ, हमने एक ऐसा मंच तैयार किया है, जो न केवल युवाओं को मजबूत करता है बल्कि उन्हें कुशल कार्यबल प्रदान करके बीएफएसआई नियोक्ताओं की मदद करता है। हमारा मानना है कि यह बेरोजगारी कम करने और बीएफएसआई वर्कफोर्स की संपूर्ण गुणवत्ता में सुधार की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।