नई दिल्ली- संस्कृति मंत्रालय के समर्थन से उर्वशी डांस म्युजिक आर्ट एंड कल्चरल सोसायटी ने ग्राफिस ऐड्स के साथ मिलकर दिल्ली के मंडी हाउस स्थित कमानी सभागार में 21 अप्रैल को भावनात्मक, भक्ति से ओतप्रोत और श्रीराम के जीवन की आध्यात्मिक यात्रा पर आधारित नाट्य-नृत्य नाटिका ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ भव्य मंचन किया। डॉ. रेखा मेहरा द्वारा निर्देशित इस नाट्य प्रस्तुति में श्रीराम की जीवन यात्रा को केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि नैतिकता और धर्मपरायणता के प्रतीक रूप में प्रस्तुत किया गया। डॉ. मेहरा ने इस बारे में कहा, भगवान श्रीराम का स्मरण केवल नाम जप से नहीं, बल्कि उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने से ही सार्थक होता है। इस प्रस्तुति की एक विशेष बात रही इसकी समावेशी और परिवर्तनकारी कास्टिंग। 60 सदस्यीय दल में आधे से अधिक कलाकार ऐसे वंचित वर्ग के बच्चे थे, जिन्हें शास्त्रीय कलाकारों के साथ मंच साझा करने का अवसर मिला। यह मंच उनके लिए एक नई उड़ान का प्रतीक बना। यही नहीं, नाटक की कोरियोग्राफी में भी नवाचार देखा गया। छऊ नृत्य शैली में प्रशिक्षित गुरु अजय भट्ट ने एक्शन से भरपूर दृश्यों का निर्देशन किया, जबकि कथक नृत्यांगना आम्रपाली भंडारी ने नाट्य भावों से युक्त हिस्सों में योगदान दिया। परिणामस्वरूप दर्शकों को एक जीवंत और विविधतापूर्ण नृत्य अनुभव मिला। ओडिशा के शास्त्रीय संगीत शिक्षक सरोज मोहंती ने संगीत संयोजन किया जिनमें परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम नजर आया। गायन में विदिशा शर्मा की आवाज़ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दृश्य प्रभावों में इस नाट्य प्रस्तुति ने नया कीर्तिमान स्थापित किया। विशाल एलईडी स्क्रीन, ऑडिटोरियम की दीवारों पर चलते प्रोजेक्शन्स, त्रि-स्तरीय हाइड्रोलिक मंच और ऑर्केस्ट्रा पिट के रचनात्मक उपयोग ने प्रस्तुति को एक जीवंत आभासी अनुभव में बदल दिया। विशेषकर श्रीराम के अयोध्या लौटने के दृश्य को वर्चुअल आतिशबाजी से जीवंत किया गया, जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए। दरअसल, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम केवल एक नाट्य प्रस्तुति नहीं थी, यह परंपरा और नवाचार का समागम था। यह महाकाव्य की कालातीत शिक्षाओं को आज के युग में पुन: जीवित करने का एक प्रभावशाली प्रयास था, एक ऐसा अनुभव, जो समाज को जोड़ने और नई प्रतिभाओं को मंच देने का प्रेरणास्त्रोत बन गया। इस विशेष संध्या में मंच पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित विधायक सतीश उपाध्याय, विधायक Anil शर्मा, विशेष रूप से उपस्थित थे। इसके अलावा, हरिद्वार से आए गुरु शंकराचार्य राज राजेश्वर, श्री वेद टंडन, पीपी ज्वेलर्स के संस्थापक एवं निदेशक पवन गुप्ता, वैश्यबीसी अग्रवाल सोसायटी की चेयरपर्सन सुमन गुप्ता, ग्राफिस ऐड्स के मुकेश गुप्ता, पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल और संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद सरभाई ने भी मंच की शोभा बढ़ाई।

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