नई दिल्ली- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट में आयुष मंत्रालय में शोध को बढ़ावा देने, किफायती आयुष सेवाओं का विस्तार करने, राज्यों के साथ मिलकर आयुष को बढ़ावा देने व पूर्वोत्तर क्षेत्रों में आयुष के विशेष विकास पर बल देने के लिए आयुष मंत्रालय को 3050 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जो पिछली बार करीब 26 सौ करोड़ का था। इस बार पिछले बजट की तुलना में चार सौ करोड़ की बढ़ोतरी की गई है ताकि आयुर्वेद और पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों को नया आयाम मिल सके। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने आयुष मंत्रालय में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़ा बजट अलॉट किया है। बजट में अनुसंधान को कुल 682 करोड़ की सौगात दी गई है। इसमें केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद को सबसे बड़ा बजट रिसर्च के लिए दिया है। परिषद को 358.50 करोड़ का बजट अलॉट किया गया है। वहीं केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद को 143.70 करोड़ और केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद को 175.80 करोड़ दिए हैं। इस बजट से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के वैधीकरण के लिये वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू किए जायेंगे। माना जा रहा है कि इससे नई औषधियों की खोज, उसका सर्वेक्षण, उसके रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। इसके तहत औषधीय पादप अनुसंधान, चिकित्सा-नृजातीय वानस्पतिक सर्वेक्षण, औषधीय मानकीकरण और अनुसंधान के रिसर्च के पब्लिकेशन को नई दिशा मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कोरोना महामारी को मात देने के लिए शुरू की गई आयुष मंत्रालय की स्कीमों और योजनाओं पर दिल खोल कर धनवर्षा की है. इस बार आयुष मंत्रालय की परियोजनाओं और स्कीमों को पंख देते हुए 306 करोड़ का बजट अलॉट किया है। दूसरा सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा फोकस मंत्रालय की लोक कल्याणकारी योजनाओं पर किया गया है ताकि आमजन को आयुर्वेद और पारम्परिक चिकित्सा का भरपूर लाभ मिल सके। पिछली बार इसके लिये 235 करोड़ का बजट दिया गया था।बजट में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुष अस्पतालों और औषधालयों के विस्तार के लिये 800 करोड़ अलॉट किए गए हैं ताकि किफायती आयुष सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जा सकीं। साथ ही अस्पतालों को अपग्रेड कर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर किया जा सके। इसके अलावा देश में विश्व के पहले डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना की जा रही है। यह विश्व का पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर होगा। इसका सीधा असर देश में ट्रेडिशनल मेडिसिन सेक्टर के निवेश में देखने को मिलेगा। इससे देश ग्लोबल सेंटर ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़े ग्लोबल वेलनेस और रिसर्च के तौर पर उभरेगा। केंद्रीय बजट में इसके लिये भी पर्याप्त बजट का प्राविधान किया गया है।