नई दिल्ली। नीट पीजी काउंसलिंग को लेकर हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने एक सप्ताह के लिए प्रदर्शन टालने का फैसला लिया है, लेकिन अस्पताल में ओपीडी शुक्रवार को भी सामान्य नहीं हो पाई। शुक्रवार को डॉक्टरों के अभाव में मरीजों को परेशान होना पड़ा। साथ ही सर्जरी भी शुरू नहीं हो पाई। हालांकि, राहत की बात है कि आपातकालीन सेवाओं में कुछ राहत देखने को मिली। बता दें कि पीएमओ से मिले आश्वासन के बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने हड़ताल एक सप्ताह तक टालने का फैसला किया है। सभी रेजिडेंट डॉक्टरों से वापस काम पर आने की अपील की थी लेकिन अलग अलग अस्पतालों के संगठनों ने इस फैसले पर सहमति नहीं जताई और काउंसलिंग की तारीख घोषित होने तक विरोध प्रदर्शन ऐसे ही जारी रखने का निर्णय लिया। डॉक्टरों में फूट के कारण जहां आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, लोकनायक और जीटीबी सहित अन्य बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी, वार्ड, ऑपरेशन आदि से जुड़ी सेवाओं में शुक्रवार को शामिल नहीं हुए। हालांकि आपातकालीन चिकित्सा को लेकर सभी अस्पतालों में सेवा शुरू कर दी गई है और यहां रेजिडेंट डॉक्टर ड्यूटी भी दे रहे हैं। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से राजधानी में मरीजों का उपचार काफी मुश्किल हो गया है।
उधर, अस्पतालों में शुक्रवार को प्रभावित हुई ओपीडी के दौरान भी सीनियर डॉक्टरों ने मोर्चा संभाला। रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण सीनियर डॉक्टरों के अलावा नर्सों ने मोर्चा संभाला। लोकनायक अस्पताल की एक नर्स ने बताया कि ज्यादातर मरीजों को फॉलोअप के लिए रखा जा रहा है। करीब 60 फीसदी मरीज ऐसे हैं जिनकी दवाएं आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्हें हड़ताल खत्म होने तक दवाएं लेने और बाद में आकर नियमित जांच इत्यादि कराने की सलाह दे रहे हैं।