नई दिल्ली: 11 फरवरी 2022आज उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बजट प्रस्तुति के लिए सदन की विशेष बैठक बुलाई गई थी। सदन के नेता छैल बिहारी गोस्वामी ने बजट भाषण में निगम की उपलब्धियों और निगम की भावी योजनाओं का ब्योरा देने की बजाय राजनीति करना सही समझा। वह दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण और डेंगू के खिलाफ की गई लड़ाई, शराब की दुकानें खोले जाने और यमुना की सफाई जैसे मुद्दों पर चर्चा करते नजर आए। नॉर्थ एमसीडी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने कहा कि नेता सदन ने एक बार फिर से दिल्ली सरकार से निगमों को देय झूठी बकाया राशि मांगने का राग अलापा। वहीं साउथ एमसीडी की तरफ से 2833 करोड़ रुपयों का किराया बकाया है। इस बात को उन्होंने स्वीकारा तो लेकिन वजह बताना जरूरी नहीं समझा।नॉर्थ एमसीडी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने कहा कि आज नॉर्थ एमसीडी का बजट पेश किया गया। हैरानी की बात है कि सदन नेता छैल बिहारी गोस्वामी ने निगम की उपलब्धियों का नहीं बल्कि दिल्ली सरकार की नाकामी का ब्योरा देना जरूरी समझा। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण और डेंगू के खिलाफ क्या किया, वह यह कहते नज़र आए। दिल्ली सरकार द्वारा शराब की दुकानें खोले जाने पर टिप्पणी करते नज़र आए। और यमुना की सफाई जैसे मुद्दों पर चर्चा करते नज़र आए। ज़ाहिर है अपनी नाकामी को छुपाने के लिए उन्होंने जबरन दिल्ली सरकार को निशाना बनाया। वह यहां भी गंदी राजनीति करने से पीछे नहीं हटे। मुझे यह नहीं समझ आया कि जब वह दिल्ली सरकार से पैसा मांग सकते हैं तो साउथ एमसीडी से क्यों नहींनेता सदन ने एक बार फिर वही पुराना झूठा राग अलापना शुरू कर दिया कि दिल्ली सरकार निगम को देय बाकाय राशि जारी करे। जबकी सभी जानते हैं कि केंद्र सरकार पिछले 16 सालों से दिल्ली सरकार को केवल 325 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष ही दे रही है। जो कि बेशक पर्याप्त नहीं है। सदन में बात उठी कि साउथ एमसीडी ने पिछले 10 सालों से आपको किराया नहीं दिया है। यानी साउथ एमसीडी पर 2833 करोड़ रुपए ब वसूलते?जानकारी देते हुए विकास गोयल ने कहा कि सदन में 50 वर्ग मीटर तक की रिहायशी संपत्तियों को कर मुक्त करने की घोषणा भी लागू नहीं की गई। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि जिन लोगों ने ज्यादा संपत्ति कर दे दिया है या फैक्ट्री लाइसेंस फीस जमा करा दी है, उसको एडजस्ट या वापिस कैसे किया जाएगा। नेता सदन ने माना है कि विज्ञापन विभाग द्वारा कुल 60 क्लस्टरों में से अभी तक 39 क्लस्टर ही आवंटित किए हैं। बाकी 21 क्लस्टर और 74 यूनिपोल सालों से नहीं बांटे गए हैं।इतने सालों से निगम के कर्मचारी नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं। बार-बार घोषणा के बाद भी उन्हें निराशा ही हासिल होती है। अब नेता सदन का कहना है कि वर्ष 2003 तक नियुक्त सफाई कर्मचारियों को जल्द ही नियमित किया जाए। उन्होंने डीबीसी कर्मचारियों को नियमित करने की भी कोई घोषणा नहीं की। अपने कर्मचारियों को समय से वेतन देने तथा सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया। उन्होंने कोरोना महामारी में जान गवाने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी और आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जबकि यह घोषणा पिछले साल भी की गई थी और अभी तक एक भी आश्रित को नौकरी नहीं दी गई है। निगम की किसी भी नई परियोजना को शुरू करने की घोषणा नहीं की गई।निगम के स्कूलों की स्थिति क्या है यह सभी को मालूम है। नेता सदन के पास ना स्कूलों को बेहतर करने की कोई याजना थी और ना ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की कोई योजना थी। जबकि हर साल निगम के स्कूल कम होते जा रहे हैं। उनके स्कूलों में बच्चे कम होते जा रहे हैं। स्पष्ट है कि उन्हें बच्चों के भविष्य में कोई दिलचस्पी नहीं है। जब हमने निगम की संपत्तियों को बेचने का विषय उठाया तो वह उसे गोल-गोल घुमाने लगे। भाजपा ने जो करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है, उन्होंने इसपर भी चुप्पी नहीं तोड़ी। इससे साफ होता है कि इसकी सफाई देने की उनमें हिम्मत नहीं है। भाजपा नेता आए दिन अवैध निर्माण करते रहते हैं। नेता सदन ने उसपर रोक लगाने की भी कोई योजना नहीं पेश की।भाजपा शासित एमसीडी की गंदी राजनीति का एक और उदाहरण देखने को मिला। रानी झांसी फ्लाईओवर को लेकर निगम की ऑडिट रिपोर्ट में कई सौ करोड़ रुपयों का भ्रष्टाचार दिखाई देता है। नेता सदन ने सफाई से बचने के लिए उसकी झूठी वाह-वाही लूटने की कोशिश शुरू कर दी। लेकिन सच्चाई किससे छुपी है। नेता सदन ने दिल्ली में आवारा पशुओं, आवारा कुत्तों और बंदरों की समस्या से दिल्ली को निजात दिलाए जाने का भी कोई रोड मैप नहीं दिया है। दिल्ली में खराब होती सफाई व्यवस्था को सुधारने का कोई रोडमैप नहीं दिया है। भलस्वा लैंडफिल साईट पर खड़े कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई। निगम ऑडिट रिपोर्ट में कई भ्रष्टाचार उजागर किए गए थे, उन्होंने उसपर भी कोई सफाई नहीं दी। नेता सदन अपने बजट भाषण में केवल खानापूर्ति करते नजर आए।