नई दिल्ली-अफसरों के साथ मिलकर पार्किंग माफिया दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को करोड़ों रूपये का चूना लगा रहा है। अधिकारियों ने स्मार्ट पार्किंग के नाम पर बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के पुराने ठेकेदारों को घटे हुई पुराने मासिक शुल्क पर अगले 15 साल के लिए इन पार्किंग साइट्स के ठेके देने की तैयारी कर ली है। स्वयं सेवी संगठन सार्थक जन मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुंख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर डीएमआरसी के अफसरों और पार्किंग माफिया पर लगाम लगाने की मांग की है।सार्थक जन मंच के महासचिव ललित कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि डीएमआरसी अपने विभिन्न स्टेशनों पर ढाई दर्जन से ज्यादा पर्किंग साइट चला रहा है। अब इन्हें स्मार्ट पार्किंग का रूप दिया जाना है। इसके लिए डीएमआरसी के अधिकारियों ने बिना पॉलिस बनाये और बिना टेंडर जारी किय ही ठेकेदारों को लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) भी जारी कर दिये हैं। ताकि पहले से काबिज पार्किंग माफिया को फायदा पहुंचाया जा सके। ललित कुमार ने आरोप लगाया कि डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक पार्किंग ठेकेदार के साथ पार्टनरशिप कर ली है, जिसके चलते उसकी ओर ढाई-तीन करोड़ रूपये बकाया होने के बावजूद ऐसे ठेकेदारों को 15 साल के ठेके के एलओआई जारी कर दिये गये हैं। बता दें कि कोरोनाकाल में डीएमआरसी ने अपने पार्किंग साइट्स के मासिक शुल्क की दरों में आधे से ज्यादा तक कमी कर दी थी। अब आने वाले 15 वर्षों के लिए उन्हीं घटी हुई दरों पर पार्किंग के ठेके पार्किंग माफिया को बिना किसी टेंडरिंग प्रक्रिया के दिये जा रहे हैं। जिसकी वजह से डीमएआरसी को हर महीने करोड़ों रूपये का घाटा होगा। जबकि अगले 15 वर्षों में गाड़ियों की संख्या और पार्किंग के उपयोग में कई गुना ज्यादा बढ़ोतरी होगी। जिसकी वहज से जनता के पैसे से पार्किंग माफिया की जेबें भरेंगी और डीएमआरसी का बड़ा नुकसान होगा।