नई दिल्ली- दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न थानों से करीब 200 से ज्यादा लग्जरी चोरी कर असम में बेचने वाले एक गिरोह के तीन आरोपियों को द्वारका जिला पुलिस की एएटीएस टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों सुनील, विकास और राजकुमार शर्मा के पास से चोरी की 11 गाडिय़ां भी बरामद की गई है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह गाड़ी चोरी करने के बाद वह गाडिय़ों पर एंटी करप्शन और क्राइम कंट्रोल फोर्स के नकली स्टीकर लगा दिया करते थे और एक आरोपी फर्जी आईडी कार्ड के साथ गाड़ी में मौजूद रहता था। ताकि पिकेट पर कहीं पुलिस उन्हें रोके तो गाडिय़ां आसानी से क्रॉस हो जाए। पुलिस उपायुक्त शंकर चौधरी ने बताया कि एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड टीम को जिले से गाडिय़ों को चोरी करने वाले आरोपियों को पकडऩे की जिम्मेदारी दी गई। इंस्पेक्टर कमलेश कुमार की टीम ने आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाने लगे। पुलिस ने दर्जनों जगह पर सीसीटीवी फुटेज को चेक किया। उस रूट को भी चेक किया जहां से गाड़ी आगे भेजी गई थी। छानबीन के दौरान हेड कांस्टेबल सोनू को सूचना मिली कि एक ऑटो लिफ्टर द्वारका सेक्टर 18 के पास आने वाला है। वहां पर पुलिस टीम ने ट्रैप लगाया। जैसे ही सफेद रंग की ब्रेजा गाड़ी वहां पहुंची, पुलिस टीम ने उसे घेर लिया। आरोपी की पहचान सुनील के रूप में हुई। उसके पास से कंट्री मेड पिस्टल,  कारतूस मिला। वह गाड़ी गुरुग्राम से 15 जनवरी को ही चुराई गई थी। सुनील के खिलाफ द्वारका नॉर्थ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। उसके दो अन्य साथियों को भी पुलिस गिरफ्तार करने में कामयाब हुई। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सुनील, विकास और राजकुमार शर्मा झज्जर, रोहिणी और गुरुग्राम के रहने वाले हैं। गिरोह का मास्टरमाइंड 65 वर्षीय राजकुमार शर्मा है। यह चोरी की गाडिय़ों को असम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। राजकुमार पर ठगी का एक मामला भी दर्ज है। राजकुमार पुलिस से बचने के लिए पुलिस चेक पोस्ट व पिकेट पर एंटी करप्शन और क्राइम कंट्रोल करप्शन के फर्जी आईकार्ड दिखाता कर खुद को एक अधिकारी बताता था। पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि एक गाड़ी को असम में पहुंचाने के लिए इन्हें 70 हजार रुपए मिलते थे।  पूछताछ में पता चला कि असम में रहने वाले एक व्यक्ति को यह दिल्ली एनसीआर की 200 से अधिक गाडिय़ा चुराकर बेच चुके हैं। इनकी गिरफ्तारी से द्वारका नॉर्थ, छावला, द्वारका सेक्टर 23, द्वारका साउथ, पालम गांव, रोहिणी, चितरंजन पार्क, हरियाणा के गुरुग्राम और पलवल थाना इलाकों के 12 मामलों का खुलासा किया गया है।