नई दिल्ली- जोशीमठ में जमीन में आयी दरार और धसाव जैसी घटना अन्य जगहों पर न हो पर्यावरण संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करने और श्री सम्मेद शिकर जी की पवित्रता को बनाये रखने के लिए वि जैन संगठन पांच फरवरी (2023) को ‘श्री सम्मेद शिखर सदभावना यात्रा‘ की शुरूआत करेगा, जो सात मार्च को मधुबन में कल्याणकारी योजनाओं के शुभारंभ के साथ संपन्न होगा। इस यात्रा में देशभर के दो लाख से अधिक जैन समुदाय के लोग शामिल होंगे। इस बात की जानकारी आज यहां प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने दी। इस मौके पर संगठन के संरक्षक राजेश जैन, उपाध्यक्ष यश जैन, महामंत्री सुदीप जैन और महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका श्रीमती रूचि जैन, अरविन्द जैन, प्रचार मंत्री प्रदीप जैन, मनीष जैन, विपिन जैन, पारस जैन, ऋषभ विहार मंदिर प्रबंध समिति के चेयरमैन विजय जैन आदि मौजूद थे1 संजय जैन ने बताया कि श्री सम्मेद शिखर जी ‘पारसनाथ पर्वतराज‘ को वर्ष 2018 में तत्कालीन झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा इको सेंसिटिव जोन में पर्यटन, सडको के चौडीकरण, वाहन संचालन और गैर धार्मिंक गतिविधियों की अनुमति देने वाली 2 अगस्त 2019 की अधिसूचना से पर्वतराज के पर्यावरण व पवित्रता को नष्ट होने से बचाने के लिए वि जैन संगठन पांच फरवरी से श्री सम्मेद शिखरजी सदभावना यात्रा‘‘ शुरू कर रहा है जो पांच मार्च को झारखंड स्थित श्री सम्मेद शिखरजी पहुंचेगा और यहां पर सात मार्च को कल्याणकारी योजनाओं का शुभारम्भ के साथ समाप्त होगा।उन्होंने बताया कि कल्याणकारी आयोजनाओं के तहत तीर्थराज शिखर जी की तलहटी में स्तिथ मधुबन में 7 मार्च को स्कूल, हॉस्पिटल, कम्प्यूटर सेंटर, वृद्धाश्रम, अनाथाश्रम, सात्विक भोजनशाला का निर्माण किया जाएगा और आपातकालीन स्थिति में लोगों के उपचार के लिए वहां पर एयर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि यह सभी सुविधाएं वि जैन संगठन की ओर से निशुल्क होगा। उन्होंने बताया कि यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों से होते हुए 5 मार्च को शिखरजी पहुचेगी।राजेश जैन ने बताया कि यात्रा के दौरान लोगो को पर्वतों के संरक्षण हेतु जागरूक करने हेतु उनसे वृक्षों के बीज इकट्ठे किये जायेंगे और 6 मार्च को पर्वतराज की वंदना के साथ पर्यावरण के संरक्षण हेतु पर्वत की सफाई और वृक्षारोपण किया जाएगा। मधुबन में कल्याणकारी योजनाओ के आरम्भ होने से तीर्थ यात्रियों के साथ स्थानीय निवासियों को भी लाभ मिलेगा। यश जैन, महामंत्री सुदीप जैन और महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका श्रीमती रूचि जैन ने कहा कि आय के लिए तीर्थो को पर्यटन स्थल बनाये जाने से उनकी पवित्रता नष्ट होगी। वर्तमान में प्रमुख जैन सिद्धांत अनेकान्तवाद और भगवान महावीर के अमर संदेश जियो और जीने दो से ही वि में शांति संभव हैं और यात्रा का मुख्य उद्देश्य भी सदभावना ही है।