नई दिल्ली – दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्री सत्य साईं ऑडिटोरियम में शाम कुछ ऐसी थी, जैसे पूरी दिल्ली की धड़कनें सुरों के साथ ट्यून हो गई हों। संगीत वंदना 2025 न सिर्फ एक इवेंट था, बल्कि एक ऐसी soulful शाम थी जिसने साबित कर दिया कि असली कला का कोई पद, कोई दायरा और कोई सीमा नहीं होती। स्टेज पर अलग-अलग क्षेत्रों प्रशासन, स्वास्थ्य, कला और संस्कृति से जुड़े लोग इकट्ठा हुए और हर किसी ने अपने अंदाज़ में माहौल को अपनी तरफ खींच लिया। लेकिन भीड़ का scene-stealer कौन बना?बिल्कुल GST असिस्टेंट कमिश्नर श्री संजीव ऋषि। उनकी स्टेज एंट्री से लेकर उनके मुस्कुराते, बेफिक्रा और बिल्कुल effortless परफॉर्मेंस तक हर चीज़ में एक ऐसा charm था कि ऑडिटोरियम में बैठे लोग खुद को सीट से उठकर तालियां बजाने से रोक नहीं पाए। लोग literally यही कह रहे थे सर ने तो vibe सेट कर दी। Officers को इतने रिलैक्स्ड और soulful अंदाज़ में शायद ही कभी देखा हो! CBI DSP अश्विनी शर्मा की मौजूदगी और AIIMS के doctors का graceful अंदाज़, पूरे कार्यक्रम को एक अलग ही gravity दे गया। किसी की आवाज़ गूंजी, किसी का सुर चमका, और किसी की talent ने ऑडिटोरियम को रोशन कर दिया। पूरा कार्यक्रम एक cultural vibe, एक emotional warmth और एक festive फ्लो से भरा रहा, जैसे हर कलाकार अपनी अपनी कहानी सुरों में लिख रहा हो। कुल मिलाकर, संगीत वंदना 2025 ने ये बात फिर साबित कर दी कि जब संगीत बोलता है,तो designation साइड पर हो जाता है,और बस कला अपनी असली power दिखाती है।

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